Punjab: पंजाब विश्वविद्यालय में प्रदर्शन, छात्रों ने बैरिकेड तोड़े, पुलिस ने किया हल्का लाठीचार्ज

Punjab: पंजाब विश्वविद्यालय के छात्रों ने सोमवार को सीनेट चुनावों की घोषणा की मांग को लेकर परिसर में प्रदर्शन किया। कुछ छात्रों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए, प्रवेश द्वारों पर चढ़ गए और सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया। कई छात्र, जो परिसर में प्रवेश करना चाहते थे। वे पुलिसकर्मियों से बहस करते और “चंडीगढ़ पुलिस वापस जाओ” जैसे नारे लगाते देखे गए।

छात्रों के कुछ समूहों ने परिसर में प्रवेश करने की कोशिश में पुलिस कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की। कुछ छात्र परिसर में प्रवेश करने के लिए विश्वविद्यालय के द्वार पर भी चढ़ गए। ‘पंजाब विश्वविद्यालय बचाओ मोर्चा’ के बैनर तले विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ किसान नेता भी शामिल हो गए, जिन्होंने चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर लगाए गए पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया।

सूत्रों के अनुसार पंजाब विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने देश के उप-राष्ट्रपति, जो विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं, उनको उनकी स्वीकृति के लिए सीनेट चुनाव का विस्तृत कार्यक्रम सौंप दिया है। छात्रों के प्रदर्शन और राजनीतिक नेताओं की बढ़ती आलोचना के बीच शिक्षा मंत्रालय ने सात नवंबर को विश्वविद्यालय के शासी निकायों सीनेट और सिंडिकेट के पुनर्गठन और पुनर्संरचना को अधिसूचित करने वाले अपने 28 अक्टूबर के आदेश को वापस ले लिया।

इसके बावजूद छात्रों ने अपना आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया और सरकार पर सीनेट चुनावों की समय-सारिणी घोषित करने का दबाव बनाने के लिए सोमवार को “विश्वविद्यालय बंद” की अपील की, जो एक साल से भी ज़्यादा समय से नहीं हुए हैं। परिसर में और उसके आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वारों पर बैरिकेडिंग की गई थी और अलग-अलग सड़कों पर चेकपोस्ट बनाए गए थे।

चंडीगढ़ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कंवरदीप कौर ने सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया। पंजाब विश्वविद्यालय कैंपस छात्र परिषद (पीयूसीएससी) के उपाध्यक्ष अश्मीत सिंह ने दावा किया कि कई छात्रों को परिसर में प्रवेश से रोका जा रहा है। परिसर में विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने “छात्र एकता अमर रहे” लिखी तख्तियाँ पकड़ी हुई थीं।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से जुड़े कुछ किसानों ने चंडीगढ़ में प्रवेश न मिलने पर पंजाब के मोहाली में फेज-6 के पास विरोध किया, जिससे सड़क पर यातायात जाम हो गया। बाद में किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और विश्वविद्यालय की ओर बढ़ने लगे। किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंढेर, काका सिंह कोटरा और एम एस राय सहित एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता छात्रों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए विश्वविद्यालय पहुँचने में कामयाब रहे।

चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर दंगा-रोधी उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। बैरिकेड्स लगाए गए थे और रेत से लदे ट्रक सीमा पर खड़े थे। चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास कई जगहों पर यातायात धीमा हो गया और उसे वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ दिया गया। आम आदमी पार्टी के सांसद मलविंदर कांग ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वो पंजाब विश्वविद्यालय पर “कब्ज़ा” करना चाहती है और छात्रों को प्रदर्शन में भाग लेने से रोकने के लिए अधिकारियों की आलोचना की।

सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल के कई नेताओं और कलाकारों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को अपना समर्थन दिया है। पंजाब के मंत्री गुरमीत सिंह खुद्डियां, पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा, कांग्रेस सांसद धर्मवीर गांधी और अमर सिंह, कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने रविवार को छात्रों को अपना समर्थन दिया।

केंद्र की अधिसूचना ने पंजाब विश्वविद्यालय अधिनियम, 1947 में संशोधन किया, जिससे सर्वोच्च शासी निकाय, सीनेट की सदस्य संख्या 91 से घटकर 31 हो गई और इसके कार्यकारी निकाय, सिंडिकेट के लिए चुनाव समाप्त हो गए।

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