UP News: गंगा स्नान के बाद बदली जिंदगी, अपनाई शाकाहारी जीवनशैली, काशी में बोले सीपी राधाकृष्णन

UP News: उप-राष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने बताया कि 25 साल पहले काशी की अपनी पहली यात्रा के दौरान वे मांसाहारी थे। लेकिन गंगा में स्नान के बाद उन्हें अपने अंदर एक गहरा परिवर्तन महसूस किया और उन्होंने शुद्ध शाकाहारी जीवनशैली अपना ली। राधाकृष्णन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ शुक्रवार को वाराणसी में श्री काशी नट्टुकोट्टई नगर सत्रम प्रबंध समिति की ओर से बनवाए गए नए सत्रम (आवास सुविधा) का उद्घाटन किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप-राष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा, “धर्म पर अस्थायी रूप से संकट आ सकता है, लेकिन ये कभी स्थायी नहीं होता। ये भवन इसका साक्षी है। 25 साल पहले जब मैं पहली बार काशी आया था, तब मैं मांसाहारी था।” उन्होंने आगे कहा, ” लेकिन गंगा स्नान करने के बाद मेरे जीवन में इतना बदलाव आया कि मैंने शाकाहार अपना लिया।”

काशी के परिवर्तन की ओर इशारा करते हुए उप-राष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा, “25 साल पहले की काशी और आज की काशी में बहुत अंतर है। ये परिवर्तन केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वजह से ही संभव हुआ है।”

उप-राष्ट्रपति ने नागरथर समुदाय की समाज सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और जहां भी वे जाते हैं, तमिल संस्कृति को बढ़ावा देने के उनके निरंतर प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने सतरम के निर्माण के लिए सामुदायिक दान से मिले 60 करोड़ रुपये के उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की और इसे कई क्षेत्रों के बीच विश्वास, लचीलेपन और सहयोग का प्रतीक बताया।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नटुकोट्टई समूह की सक्रिय उपस्थिति सेवा, धर्म और प्रगति को एक साथ लाती है। उन्होंने कहा, “ये इमारत इसी भावना का प्रतीक है।” नई सुविधा के बारे में बात करते हुए उप-राष्ट्रपति ने कहा कि ये सिर्फ़ एक इमारत नहीं है, बल्कि उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक बंधन में एक नए अध्याय का भी प्रतिनिधित्व करती है।

उन्होंने कहा कि ये तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों को और मज़बूत करेगा, जहा तमिल विद्वान, कवि और भक्त ज्ञान और आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में लंबे समय से आते रहे हैं। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम ने इस बंधन को और मजबूत किया है। उन्होंने बताया कि इस संस्थान की स्थापना 1863 में तमिलनाडु से काशी आने वाले श्रद्धालुओं की सहायता के लिए की गई थी और ये भावना आज भी कायम है।

अन्नपूर्णी देवी की मूर्ति की वापसी और काशी-तमिल संगमम जैसे आयोजनों का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में काशी में एक आध्यात्मिक पुनर्जागरण हो रहा है।
उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में देवी अन्नपूर्णी अम्मन देवी की मूर्ति की वापसी की भी सराहना की।

उन्होंने कहा कि एक सदी से भी पहले वाराणसी के मंदिर से चुराई गई ये मूर्ति पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण 2021 में कनाडा से भारत वापस आ गई। उप-राष्ट्रपति ने बताया कि इस सुविधा में 76 सौर लैंप (1.5 करोड़ रुपये मूल्य के) हैं, जो हरित ऊर्जा के प्रतीक हैं, जिससे सालाना लगभग 25 लाख रुपये की बचत होगी।

उद्घाटन के बाद उप-राष्ट्रपति ने काशी विश्वनाथ मंदिर का दौरा किया और शांति, समृद्धि और सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना की। उन्होंने मंदिर परिसर में स्थित अन्नपूर्णी अम्मन देवी मंदिर में भी पूजा-अर्चना की।
इससे पहले एक्स पर एक पोस्ट में उप-राष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा था कि 140 कमरों वाला यह 10 मंजिला सत्रम, वाराणसी में सोसायटी द्वारा निर्मित दूसरा भवन है।

उप-राष्ट्रपति की पोस्ट में लिखा है, “इसका मकसद आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा करना और युवा पीढ़ी को इस पवित्र शहर में आने के लिए प्रोत्साहित करना है। ये पहल काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक बंधन को दर्शाती है, जो एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना में काशी-तमिल के बीच गहरे जुड़ाव का प्रतीक है।”

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