GOA: स्वच्छ और टिकाऊ भविष्य की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, गोवा सरकार ने अप्रैल 2026 से डिपॉजिट रिफंड सिस्टम (DRS) लागू करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के नेतृत्व में गोवा देश का पहला राज्य बन गया है जो डीआरएस लागू कर रहा है। यही नहीं गोवा दुनिया का पहला राज्य है जिसने सबसे मुश्किल माने जाने वाले कचरे, यानी मल्टी लेयर्ड पैकेजिंग (MLP) (चिप्स, बिस्किट के पैकेट) को भी इस योजना में शामिल किया है।
सर्कुलर इकोनॉमी की ओर बड़ा कदम
डीआरएस का उद्देश्य नागरिकों को इस्तेमाल किए गए कंटेनरों जैसे कांच की बोतलों, एल्युमीनियम के डिब्बों और प्लास्टिक पैकेजिंग को एक रिफंडेबल जमा राशि के बदले वापस करने के लिए प्रोत्साहित करके कचरे को कम करना है।
• यह सरल लेकिन शक्तिशाली प्रणाली रीसाइक्लिंग की आदतों को बढ़ावा देगी।
• यह कचरा कम करने में कारगर होगी।
• यह निवासियों और उद्योग दोनों की सक्रिय भागीदारी से गोवा की प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखने में मदद करेगी।
उद्योग और जनता दोनों से भागीदारी की अपील
सिस्टम को सफल बनाने के लिए, पूरे राज्य में ऑटोमेटिक मशीनें लगाई जाएंगी और मैनुअल कलेक्शन सेंटर बनाए जाएंगे। सरकार ने इस मिशन को कामयाब बनाने के लिए सभी कंपनियों, निर्माताओं, आयातकों और ब्रांड मालिकों से आगे आने की अपील की है। उन्हें www.goadrs.com पर अपना पंजीकरण कराने की गुजारिश की है।
मुख्यमंत्री डॉ. सावंत का कहना है कि यह पहल गोवा को अपशिष्ट मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है और यह पूरे देश के समक्ष नायाब उदाहरण होगा। इसकी सफलता जनता और उद्योग जगत के आपसी सहयोग पर निर्भर करेगी।