Delhi: दिल्ली एसिड अटैक का सच, खुद टॉयलेट क्लीनर डालकर बनाई झूठी कहानी

Delhi:  दिल्ली के एक कॉलेज की छात्रा ने खुद पर एसिड अटैक का आरोप लगाया था, उसने अपने पिता के कहने पर झूठ बोला था क्योंकि उसका पिता अपने उपर लगाए गए बलात्कार की शिकायत का बदला लेना चाहता था। छात्रा के पिता अकील खान को सोमवार को टॉयलेट क्लीनर से एसिड अटैक की झूठी कहानी गढ़ने और उस व्यक्ति की पत्नी के साथ बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जिस पर उनकी बेटी ने उस पर “एसिड” फेंकने का आरोप लगाया था।

रविवार सुबह डीयू के नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड में नामांकित बीकॉम द्वितीय वर्ष की 20 साल की छात्रा ने आरोप लगाया कि तीन लोगों ने उस पर एसिड से हमला किया था। पुलिस ने बताया कि उसने दावा किया कि उस पर तब हमला हुआ जब वो कॉलेज जा रही थी। हालांकि, जल्द ही मामले में कई तरह के दावे सामने आए, जिनमें से एक में “पीड़िता” के पिता पर बलात्कार का आरोप लगाया गया। पुलिस ने कहा कि जितेंद्र की पत्नी ने पहले कथित पीड़िता के पिता अकील खान पर बलात्कार का आरोप लगाया था। मामले की रिपोर्ट भलस्वा डेयरी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई थी, लेकिन कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं की गई थी।

महिला ने आरोप लगाया कि 2021 से 2024 के बीच, वह अकील खान की मोजे की फैक्ट्री में काम करती थी, जहां खान ने उसका यौन शोषण किया और उसकी निजी तस्वीरों और वीडियो के जरिए उसे ब्लैकमेल किया। पुलिस के अनुसार महिला ने 24 और 25 अक्टूबर को पीसीआर कॉल की, लेकिन लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई। आरोप के आधार पर पुलिस ने खान से पूछताछ की और उसे गिरफ्तार कर लिया। उसने खुलासा किया कि उसने एसिड अटैक की झूठी कहानी गढ़ी थी और जिस तरल पदार्थ की बात हो रही थी, वह साधारण टॉयलेट क्लीनर था।

एक अधिकारी ने कहा, “उसने (छात्रा ने) ई-रिक्शा से उतरने के बाद कथित तौर पर अपने हाथ पर टॉयलेट क्लीनर लगा लिया… और ध्यान आकर्षित करने के लिए चिल्लाई।” महिला अपने घर से बैग में ये पदार्थ लाई थी। इससे पहले जांचकर्ता इस बात से हैरान थे कि छात्रा अपने गंतव्य से लगभग 300 मीटर दूर ई-रिक्शा से क्यों उतरी। पुलिस ने कहा, “अशोक विहार तक वो अपने भाई के साथ स्कूटर पर थी। उसके बाद, वह कॉलेज जाने के लिए ई-रिक्शा से गई, लेकिन कॉलेज के मुख्य द्वार से 300 मीटर पहले ही उतर गई।”

जांच में शामिल होने के लिए उसके भाई से संपर्क नहीं हो सका। घटना के समय जितेंद्र का ठिकाना करोल बाग था, जो घटनास्थल से लगभग पांच किलोमीटर दूर था। अपराध में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल भी वारदात के समय करोल बाग में ही थी। पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए जितेंद्र ने कहा कि घटना के समय वह इलाके में मौजूद नहीं था। मौके पर तेजाब के कोई निशान नहीं मिले, न ही घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज में हमलावरों की कोई झलक मिली। फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल) की टीम को इलाके में कोई भी फेंकी हुई तेजाब की बोतल नहीं मिली।

पुलिस ने बताया कि पीड़िता के दूर के रिश्तेदार इशान और अरमान, मंगोलपुरी निवासी अपनी मां शबनम के साथ आगरा में हैं। वे जल्द ही जांच में शामिल होंगे। पुलिस के अनुसार 2018 में शबनम ने भी अकील खान पर बलात्कार का आरोप लगाया था। वो मामला अभी भी अदालत में विचाराधीन है।

बाहरी दिल्ली के मंगोलपुरी में एक संपत्ति को लेकर दोनों परिवारों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। उसी साल शबनम ने खान पर तेजाब से हमला करने का आरोप लगाया और मंगोलपुरी पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज कराई।

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