Chhath Puja: छठ पूजा 2025 का आज अंतिम दिन है, जिसमें सूर्य देव की आराधना की जाती है। भक्त सूर्योदय के समय उन्हें अर्घ्य देते हैं, जिससे मनोकामनाएं पूर्ण होने की मान्यता है। छठ पूजा में सूर्योदय का विशेष महत्व है। छठ पूजा का आज आखिरी और चौथा दिन है. मंगलवार, 28 अक्टूबर यानी आज छठ के चौथे और आखिरी दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इसी के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास भी खत्म हो गया। आज व्रती महिलाओं ने जल में डुबकी लगाकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया और अपने परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की दीर्घायु और जीवन में ऊर्जा की कामना की।
PM नरेंद्र मोदी ने छठ पूजा पर देशवासियों की शुभकामनाए दीं। उन्होंने लिखा, “भगवान सूर्यदेव को प्रात:कालीन अर्घ्य के साथ आज महापर्व छठ का शुभ समापन हुआ। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के दौरान छठ पूजा की हमारी भव्य परंपरा के दिव्य दर्शन हुए। समस्त व्रतियों और श्रद्धालुओं सहित पावन पर्व का हिस्सा बने अपने सभी परिवारजनों का हृदय से अभिनंदन! छठी मइया की असीम कृपा से आप सभी का जीवन सदैव आलोकित रहे।”
छठ पूजा का धार्मिक महत्व
सनातन धर्म में छठ पूजा को पुत्रेष्टि यज्ञ के समान माना गया है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से संतान सुख, दीर्घायु और समृद्धि की प्राप्ति होती है। जिन दंपतियों को संतान प्राप्ति में बाधा होती है, उन्हें इस व्रत के पुण्य से मनोकामना पूर्ण होती है। ज्योतिष दृष्टि से भी छठ पूजा अत्यंत शुभ मानी गई है यह नवग्रहों के राजा सूर्य को प्रसन्न करने का श्रेष्ठ उपाय है। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य, सफलता और सुख-समृद्धि का वास होता है।