Cyclone Montha: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को अधिकारियों को चक्रवात मोंथा के मद्देनजर उन जगहों पर एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया जहां बारिश और बाढ़ की आशंका है। चक्रवात मोंथा मंगलवार सुबह तक एक भीषण चक्रवाती तूफान में बदल सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री नायडू से फोन पर बात की और चक्रवात के बारे में जानकारी ली। इसके बाद, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री नारा लोकेश को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ समन्वय करने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री ने चक्रवात को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, “मुख्यमंत्री ने उन जगहों पर अग्रिम कार्रवाई के आदेश दिए जहां बारिश और बाढ़ की आशंका है। उन्होंने अधिकारियों से फसलों को नुकसान से बचाने के लिए नहरों के किनारों को मजबूत करने को कहा है।”
नायडू ने अधिकारियों को चक्रवात की गति पर हर घंटे नजर रखने का निर्देश दिया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि चक्रवात के प्रभाव के कारण कृष्णा जिले में सोमवार से दो दिन तक भारी से बहुत भारी स्तर की बारिश होने का पूर्वानुमान है। इसी तरह, गुंटूर, बापटला, एनटीआर, पालनाडु और पश्चिम गोदावरी जिलों में भी भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया गया है।
बाद में, मौसम प्रणाली के उत्तर/उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने और 28 अक्टूबर की शाम व रात के दौरान एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के आसपास से गुजरने का अनुमान है, जिसमें हवा की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
इस बीच, सरकार ने एनटीआर, तिरुपति, प्रकाशम, कोनसीमा, अनकापल्ली, राजमुंदरी, बापटला, अन्नमय्या और एलुरु जिलों में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीम तैनात की है। विशाखापट्टनम, काकीनाडा और तिरुपति जिलों में, तीन आरक्षित एसडीआरएफ टीमें अपने मुख्यालयों में तैयार रखी गई हैं।
इसी प्रकार, आठ राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम आठ जिलों में तैनात की गई हैं जबकि पांच और टीम तैयार रखी गई हैं। इसके अलावा, सरकार ने जिला कलेक्टरों को बचाव और राहत कार्यों के खर्चों को पूरा करने के लिए 19 करोड़ रुपये निकालने की अनुमति दी है।
सरकारी आदेश (जीओ) में विशेष मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन) जी. साई प्रसाद ने कहा, “हालांकि, गंभीर रूप से प्रभावित जिले आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त राशि निकाल सकते हैं, भले ही वे निर्दिष्ट राशि से अधिक हो। इसकी जानकारी सरकार को दी जाए।”
उन्होंने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया कि वे प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाने और पीने के पानी, भोजन व दूध की आपूर्ति को प्राथमिकता दें। प्रसाद ने कलेक्टरों को शिविरों में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाने और स्वच्छता की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए, जिसमें सड़कों और सिंचाई बुनियादी ढांचे की तात्कालिक मरम्मत शामिल है।
उन्होंने कलेक्टरों को ये निर्देश भी दिया कि यदि चक्रवात के मद्देनजर स्थापित आश्रयों स्थलों में सभी प्रभावित लोगों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है, तो यथासंभव सरकारी स्कूलों और कॉलेजों का उपयोग राहत शिविरों के रूप में किया जाए।