Telangana: तेलंगाना के बारह प्रवासी मज़दूर रोज़गार संबंधी समस्याओं के कारण जॉर्डन में फँसे थे, वो पूर्व मंत्री और विधायक हरीश राव के हस्तक्षेप के कारण घर लौट आए हैं। शनिवार तड़के हैदराबाद पहुँचे मज़दूरों ने हरीश राव से उनके आवास पर मुलाकात की और उनकी वापसी में मदद के लिए आभार जताया।
उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों, जिनमें कांग्रेस और बीजेपी के सांसद और विधायक भी शामिल हैं, उनसे कई बार अपील करने के बावजूद किसी ने भी उनकी मदद की गुहार नहीं सुनी। मज़दूरों ने जॉर्डन में अपनी आपबीती सुनाई, जहाँ उन्हें खाने की कमी और कठिन जीवन स्थितियों से जूझना पड़ा। हरीश राव ने उनसे बातचीत की और उनकी समस्याओं और उनके सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य और केंद्र दोनों सरकारों के सामने ये मुद्दा उठाया था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। बीआरएस सांसद सुरेश रेड्डी की मदद से उन्होंने विदेश मंत्रालय के ध्यान में भी यह मामला लाया। राव ने कहा कि आखिरकार जुर्माना अदा किया गया और उनकी वापसी के लिए हवाई टिकटों की व्यवस्था की गई।
उन्होंने विदेशों में तेलंगाना के प्रवासी मज़दूरों के कल्याण की रक्षा करने में विफल रहने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारों की आलोचना की। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी द्वारा खाड़ी कल्याण बोर्ड की स्थापना और प्रवासी कल्याण नीति लागू करने के वादे के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
बाद में श्रमिकों को बीआरएस की ओर से इंतजाम किए गए वाहनों से उनके गृह जिलों -जगतियाल, निर्मल, कामारेड्डी, निजामाबाद और सिद्दीपेट भेज दिया गया।