Hema Malini: बॉलीवुड की ओरिजनल “ड्रीम गर्ल” हेमा मालिनी गुरुवार को 77 साल की हो गईं। भारतीय सिनेमा में पांच दशकों से ज्यादा लंबा सफर उनकी खूबसूरती, बेहतरीन अदाकारी और शालीनता की विरासत की झलक पेश करता है। 16 अक्टूबर, 1948 को तमिलनाडु के अम्मानकुडी में जन्मी हेमा मालिनी भारतीय फिल्म उद्योग के इतिहास की सबसे सम्मानित अभिनेत्रियों में से एक हैं। एक कुशल नृत्यांगना, अभिनेत्री, निर्देशक और राजनीतिज्ञ के रूप में, उनका सफर बहुमुखी प्रतिभा से भरा रहा है।
उन्होंने 1963 में आई तमिल फिल्म “इधु सथियम” से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। हालांकि हिंदी फिल्मों में राज कपूर के साथ 1968 में आई “सपनों का सौदागर” से उन्हें बॉलीवुड की “ड्रीम गर्ल” के रूप में पहचान मिली। । यह नाम लोगों के जेहन में बस गया। ये सिर्फ एक उपनाम ही नहीं बल्कि उनकी पहचान बन गया। इसने उनकी गजब की खूबसूरती और दमदार अदाकारी को बेहतरीन अंदाज में सिल्वर स्क्रीन पर पेश किया।
1970 और 80 के दशक में, हेमा मालिनी इंडस्ट्री की सबसे भरोसेमंद और पसंदीदा अभिनेत्रियों में से एक बन गईं। 1972 में आई फिल्म “सीता और गीता” में उन्होंने दोहरी भूमिका निभाकर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। वहीं 1975 में आई “शोले”, 1978 की “त्रिशूल”, 1980 की “अलीबाबा और 40 चोर”, 1981 की “नसीब”, 1982 की “सत्ते पे सत्ता” और 2003 में आई “बागबान” जैसी फिल्मों में अपनी शानदार अदाकारी से उन्होंने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। हेमा मालिनी अपने हर किरदार में गहराई, खिंचाव और संतुलन लाईं।
छोटी उम्र से ही भरतनाट्यम में प्रशिक्षित, हेमा के शास्त्रीय संगीत से जुड़ाव ने अक्सर उनके सिनेमाई अभिनय को प्रभावित किया। एक मंझी हुई नृत्यांगना के अंदाज ने उनके सिनेमाई व्यक्तित्व में एक नया आयाम
जोड़ा। कई फिल्मों में नृत्य से जुड़े दृश्य उनकी पहचान बन गए।
हेमा मालिनी ने कैमरे के पीछे की भूमिकाएं निभाने वाली कुछ प्रमुख अभिनेत्रियों में से एक बनकर कई रूढ़ियों को तोड़ा। उन्होंने 1992 में “दिल आशना है” और 2011 में “टेल मी ओ खुदा” जैसी फिल्मों का निर्देशन और निर्माण किया। उनकी फिल्मों में अक्सर मजबूत महिला प्रधान कहानियों को आगे बढ़ाया गया।
अभिनेता धर्मेंद्र के साथ उनकी जोड़ी बॉलीवुड के इतिहास में, पर्दे पर और पर्दे से हटकर, सबसे यादगार जोड़ी में से एक है। इस जोड़े ने 1980 में शादी की और उनकी दो बेटियां हैं – ईशा और अहाना। अभिनेत्री होने के अलावा, हेमा मालिनी एक प्रमुख राजनीतिक हस्ती भी हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मथुरा से सांसद हैं और अपनी कलात्मक रुचि के साथ-साथ जनसेवा के साथ भी ताल-मेल बनाए रखा है।
पिछले कुछ सालों में हेमा मालिनी को कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। इनमें 1999 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार, 2000 में पद्मश्री और भारतीय शास्त्रीय नृत्य और सिनेमा में उनके योगदान के लिए अनेक सम्मान शामिल हैं। आज भी, वे मंच पर प्रस्तुति देती हैं, संस्कृति और महिला सशक्तिकरण की वकालत करती हैं, और सार्वजनिक कार्यक्रमों में अपनी खास मौजूदगी दर्ज कराती हैं। उनकी शोहरत कभी कम नहीं हुई। अपने काम और इरादों को लेकर उनके जुनून और समर्पण की झलक साफ दिखती है।
हेमा मालिनी जब अपना 77वां जन्मदिन मना रही हैं तो हर पीढ़ी के प्रशंसक न सिर्फ उस ड्रीम गर्ल को याद कर रहे हैं जिसने सिल्वर स्क्रीन पर अपनी चमक बिखेरी, बल्कि उस सशक्त महिला को भी सराह रहे हैं जो वक्त के साथ पूरी शालीनता से आगे बढी। हेमा मालिनी की जिंदगी अनुशासन, दृढ़ संकल्प और गरिमा की कहानी है। वे भारतीय सिनेमा की सच्ची प्रतिमूर्ति हैं।