Ahoi Ashtami: हिंदू धर्म की महिलाओं के लिए अहोई अष्टमी के व्रत का खास महत्व होता है, धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो महिलाएं अहोई अष्टमी पर पूजा-पाठ करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं, उनके संतान के जीवन में आ रही परेशानियां कम होती हैं. साथ ही लंबी आयु, खुशहाल जीवन और तरक्की का आशीर्वाद मिलता है.
इस साल अहोई अष्टमी का पावन पर्व आज यानि 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन मां अपने बच्चे की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस शुभ अवसर पर माता पार्वती के स्वरूप अहोई माता की पूजा की जाती है. उन्हें संतान की रक्षा करने वाली देवी माना जाता है. इसमें शाम में तारों को देखकर और अर्घ देने के बाद व्रत खोला जाता है. यह पर्व करवा चौथ के कुछ दिन बाद और दीपावली से पहले आता है. जिन महिलाओं को बच्चे नहीं होती, वे भी संतान प्राप्ति की कामना से यह व्रत रखती हैं.
इस दिन दोपहर या शाम में घर की दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाकर पूजा की जाती है. चावल, हलवा, पूड़ी और दूसेरे कई पकवान बनाए जाते हैं. इसके साथ ही कई जगहों पर गुड़ के गुलगुले और खीर इस दिन पर खास बनाई जाती है. देवी अहोई को भगवान शिव की पत्नी माता पार्वती का एक अवतार माना जाता है, जो समस्त जीवित प्राणियों के संतानों की रक्षक हैं.
अहोई अष्टमी का व्रत काफी कठिन होता है क्योंकि सूर्योदय से लेकर शाम तक निर्जला रहना होता है यानी दिनभर न तो कुछ खाना होता है और न ही पानी पीना होता है. द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस बार ये व्रत आज यानी 13 अक्टूबर 2025, वार सोमवार को रखा जा रहा है.
अहोई अष्टमी पर किन चीजों के दान से मिलता है महापुण्य?
- दूध
- चीनी
- चावल
- धन
- कपड़े
- फल
- गेंहू
- अनाज
- सफेद मिठाई
आज अहोई अष्टमी पर आडल-परिघ योग से सतर्क रहें ये 3 राशियां
अहोई अष्टमी के शुभ दिन आज आडल योग और परिघ योग का निर्माण हो रहा है. आज सुबह 8 बजकर 10 मिनट तक परिघ योग था. वहीं, अब आडल योग चल रहा है. आज सुबह 6 बजकर 36 मिनट से आडल योग का आरंभ हुआ था, जिसका समापन दोपहर 12 बजकर 26 मिनट पर होगा. बता दें कि आडल-परिघ योग के अशुभ प्रभाव से आज वृषभ राशि, सिंह राशि और मीन राशि के जातकों के जीवन में परेशानियां उत्पन्न होंगी.
आज अहोई अष्टमी के व्रत का पारण किस समय करें?
अहोई अष्टमी के व्रत का पारण शाम में तारों के दर्शन और उन्हें जल से अर्घ्य देकर किया जाता है. द्रिक पंचांग के अनुसार, आज 13 अक्टूबर 2025 को शाम में 06 बजकर 38 मिनट के आसपास तारे दिखने लगेंगे, जिसके बाद महिलाएं व्रत का पारण कर सकती हैं. हालांकि, कुछ लोग तारों की जगह चंद्र देव की पूजा करने के बाद व्रत खोलते हैं.