Mumbai: ब्रिटेन के PM कीर स्टार्मर ने मुंबई में यशराज फिल्म्स स्टूडियो का किया दौरा

Mumbai:  ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने मुंबई के उपनगर अंधेरी स्थित यशराज फिल्म्स (वाईआरएफ) स्टूडियो का दौरा किया, इस दौरान उन्होंने घोषणा की कि वाईआरएफ सहित प्रमुख भारतीय प्रोडक्शन हाउस ब्रिटेन में विभिन्न स्थानों पर फिल्में बनाएंगे। भारत के दो-दिवसीय दौरे पर आए स्टॉर्मर के साथ ब्रिटिश फिल्म उद्योग का एक प्रतिनिधिमंडल भी आया था, जिसमें ब्रिटिश फिल्म इंस्टी्टूयट, ब्रिटिश फिल्म आयोग, पाइनवुड स्टूडियो, एल्स्ट्री स्टूडियो और सिविक स्टूडियो के प्रतिनिधि शामिल हैं।

ब्रिटिश उच्चायोग ने एक बयान में स्टॉर्मर के हवाले से कहा गया है कि अगले वर्ष से ब्रिटेन में तीन नई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग होगी। लंदन से सुबह मुंबई पहुंचे स्टॉर्मर भारी सुरक्षा के बीच वाईआरएफ स्टूडियो पहुंचे।

एक सूत्र ने बताया कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने इस दौरान वाईआरएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अक्षय विधानी, वाईआरएफ अध्यक्ष आदित्य चोपड़ा की अभिनेता पत्नी रानी मुखर्जी, मैडॉक फिल्म्स के दिनेश विजान, एक्सेल एंटरटेनमेंट के रितेश सिधवानी और धर्मा प्रोडक्शंस के अपूर्व मेहता सहित कई भारतीय फिल्म निर्माताओं से मुलाकात की।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा, ‘‘बॉलीवुड ब्रिटेन में वापस आ गया है और यह रोजगार, निवेश और अवसर ला रहा है, साथ ही ब्रिटेन को वैश्विक फिल्म निर्माण के लिए एक विश्वस्तरीय गंतव्य के रूप में प्रदर्शित कर रहा है। भारत के साथ हमारे व्यापार समझौते से ठीक इसी तरह की साझेदारी की शुरुआत होगी- विकास को गति मिलेगी, सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत किया जाएगा और देशभर के समुदाय इससे लाभान्वित होंगे।’’

ब्रिटिश उच्चायोग के अनुसार, वाईआरएफ ने 2026 की शुरुआत से अपने प्रमुख फिल्मों की ब्रिटेन के विभिन्न स्थानों पर शूटिंग करने की योजना की पुष्टि की है, जिससे 3,000 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी और अर्थव्यवस्था को लाखों पाउंड का बढ़ावा मिलेगा। एक सूत्र ने बताया कि स्टॉर्मर और भारतीय फिल्म निर्माताओं के बीच बैठक लगभग 30 से 40 मिनट तक चली।

वाईआरएफ के सीईओ अक्षय विधानी ने कहा कि वह ब्रिटिश प्रधानमंत्री की मेजबानी कर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। विधानी ने कहा, ‘‘हम वाईआरएफ में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टॉर्मर की मेजबानी करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जहां इस समझौते (फिल्म निर्माण में सहयोग के बारे में) पर हस्ताक्षर किए गए। साथ ही, हमें इस बात पर चर्चा करने का भी सौभाग्य मिला कि कैसे भारत और ब्रिटेन एक साथ मिलकर वैश्विक स्तर पर विषय-वस्तु के परिदृश्य को आगे बढ़ा सकते हैं।’’

विधानी ने कहा, ‘‘डीडीएलजे की 30वीं वर्षगांठ पर वाईआरएफ और ब्रिटेन के फिल्मांकन संबंधों को फिर से जीवंत करना वाकई खास है- यह एक ऐसी फिल्म है, जो ब्रिटेन-भारत संबंधों का पर्याय है। हमारी कंपनी वर्तमान में ब्रिटेन में डीडीएलजे का मंचीय रूपांतरण अंग्रेजी में ‘कम फॉल इन लव’ (सीएफआईएल) शीर्षक से तैयार कर रही है।’’

फिल्म निर्माण और वितरण कंपनी यशराज फिल्म्स ‘कभी कभी’, ‘चांदनी’, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘डर’, ‘धूम’, ‘वीर जारा’,‘एक था टाइगर’, ‘वॉर’ और ‘पठान’ जैसी फिल्मों के लिए जानी जाती है। इसकी स्थापना दिवंगत फिल्म निर्माता यश चोपड़ा ने 1970 में की थी। उन्होंने 2005 में अंधेरी में वाईआरएफ स्टूडियो का निर्माण किया था।

ब्रिटिश फिल्म उद्योग देश की अर्थव्यवस्था में सालाना 12 अरब पाउंड का योगदान देता है और देश के हर क्षेत्र में 90,000 नौकरियों का सृजन करता है। ब्रिटिश उच्चायोग ने अपने बयान में कहा कि यह अपने विश्व-अग्रणी स्टूडियो के बुनियादी ढांचे और प्रतिष्ठित पृष्ठभूमि के कारण अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं के लिए एक पसंदीदा गंतव्य है।

उच्चायोग के मुताबिक, अतीत में भारतीय फिल्मों ने वैश्विक स्तर पर सफलताएं अर्जित की हैं। इसमें कहा गया है कि बहु-सांस्कृतिक फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ ने सिर्फ 1.2 करोड़ पाउंड के बजट में ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में लगभग 30 करोड़ पाउंड का योगदान दिया, जो इस बात पर प्रकाश डालता है कि जब ब्रिटिश तकनीकी विशेषज्ञता और भारतीय कहानी साथ आती है, तो क्या हो सकता है।

ब्रिटिश संस्कृति मंत्री लिसा नंदी ने कहा, ‘‘ब्रिटेन और भारत का फिल्म उद्योग वास्तव में विश्वस्तरीय है और दुनिया भर में अरबों लोगों का मनोरंजन करता है। हमारे क्षेत्रों की मजबूती और दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों को देखते हुए, बॉलीवुड और ब्रिटिश स्टूडियो के बीच साझेदारी पूरी तरह से सार्थक है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन में इन बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों का निर्माण करके, हम अपने विश्वस्तरीय रचनात्मक उद्योगों में और अधिक वृद्धि को बढ़ावा देंगे, जैसा कि हमने अपनी रचनात्मक उद्योग क्षेत्र योजना में प्रतिबद्धता जताई है।’’ ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा गया है कि ब्रिटिश फिल्म इंस्टीट्यूट और भारतीय राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के बीच हुआ सहमति ज्ञापन समझौता (एमओयू) इसे और अधिक बल देगा। यह सह-निर्माण को पुनर्जीवित करेगा और दोनों देशों के फिल्म निर्माताओं को संसाधनों और प्रतिभा को साझा करने में सक्षम बनाएगा।

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