Ayodhya: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य दीपोत्सव 2025 की तैयारियां शुरू हो गई हैं और ये एक और रिकॉर्ड तोड़ प्रयास होगा, जिसमें सरयू नदी के घाटों पर 26 लाख दीप जलाए जाएंगे।
इसका आयोजन डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की ओर से किया जाएगा। विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त ये वार्षिक आयोजन एक बार फिर भगवान राम की पावन नगरी को जगमगाएगा।
कुलपति कर्नल बिजेंद्र सिंह की देखरेख में, विश्वविद्यालय की टीम उत्सव से पहले घाटों को व्यवस्थित और सुंदर बनाने के लिए काम कर रही है। दीपोत्सव के नोडल अधिकारी प्रोफेसर संत शरण मिश्र ने बताया कि दीपों की व्यवस्था के लिए घाटों की सफाई और चिह्नांकन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ब्लॉक को 4.5 वर्ग फुट के क्षेत्र में चिह्नित किया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए 2.5 फुट चौड़े रास्ते छोड़े जा रहे हैं।
इस वर्ष दीपोत्सव 19 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा और समारोह के लिए 56 घाटों का चयन किया गया है, जहां लाखों दीप जलाए जाएंगे। माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. रंजन सिंह के नेतृत्व वाली मार्किंग कमेटी की ओर से एक हफ्ते के भीतर ये कार्य पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है। बयान में कहा गया है कि आयोजन के सुचारू संचालन के लिए लगभग 30,000 स्वयंसेवकों का ऑनलाइन पंजीकरण अंतिम चरण में है, जबकि दीप आपूर्ति की तैयारियां जल्द ही शुरू हो जाएँगी।
सरकार ने कहा कि यह महोत्सव अयोध्या की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को और उजागर करेगा और इसकी “राम की नगरी, प्रकाश की नगरी” की छवि को और मजबूत करेगा। पिछले साल 30 अक्टूबर को अयोध्या ने दिवाली की पूर्व संध्या पर दीपोत्सव के आठवें संस्करण के दौरान सरयू नदी के किनारे 55 घाटों को 25,12,585 दीयों से रोशन करके दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए थे।
22 जनवरी को राम लला मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद यह पहला दीपोत्सव था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2024 के समारोह का नेतृत्व किया, जिसमें केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया। पूरे शहर में 35 लाख से ज़्यादा दीये जलाए गए, जिनमें से 25 लाख से ज़्यादा सरयू घाटों पर रखे गए थे।