Anita Hassanandani: अनिता हसनंदानी बनीं ‘छोरियां चली गांव’ की विनर, बोली- यह अनुभव सच्चा और यादगार रहा

Anita Hassanandani: दो महीने तक ग्रामीण भारत में अलग-अलग चुनौतियों और कामों के बीच चले ज़ी टीवी के रियलिटी शो ‘छोरियां चली गांव’ का ग्रैंड फिनाले इस वीकेंड हुआ। गांव में हुए उत्सव के बीच एक्ट्रेस अनिता हसनंदानी को विजेता घोषित किया गया और उन्होंने ट्रॉफी अपने नाम की। यह शो का पहला सीज़न था, जिसकी मेज़बानी रणविजय सिंह ने की।

शो में दिखाया गया कि कैसे शहर की मशहूर हस्तियां गांव के माहौल में ढलने की कोशिश करती हैं। उन्हें गाय का दूध निकालना, कुएं से पानी भरना, चूल्हे पर खाना बनाना, और गांववालों के साथ रहना-सिखना जैसे असली ग्रामीण काम करने पड़े। अनिता ने पूरे सीज़न में निरंतर मेहनत, सादगी और मिलनसार रवैया दिखाया, जिसने दर्शकों और गांववालों का दिल जीत लिया।

ग्रैंड फिनाले में टॉप-5 फाइनलिस्ट्स के शानदार परफॉर्मेंस हुए। इस मौके पर ऊर्फी (डॉली की बहन) और अज़ीम (कृष्णा श्रॉफ के बॉयफ्रेंड) ने भी हिस्सा लिया। सभी “छोरियों” ने उन ग्रामीण परिवारों की मदद के लिए कदम बढ़ाए जिन्होंने उन्हें अपने घरों में ठहराया था।

डॉली जावेद ने किरण और उनकी मां को ₹60,000 और सिलाई मशीन दी, सुरभि मेहरा ने विनायक स्कूल में नमन नाथिक की तीसरी कक्षा से पढ़ाई की ज़िम्मेदारी ली, अनिता हसनंदानी ने शगुना बाई के पोते की पूरी शिक्षा का खर्च उठाने का वादा किया, एरिका पैकार्ड ने किरण राठौड़ के बेटे की दो साल की पढ़ाई का खर्च उठाया और कृष्णा श्रॉफ ने मनीष को खेती के लिए ₹1 लाख की मदद दी।

ट्रॉफी जीतने के बाद अनिता ने कहा, “जब मैंने इस शो के लिए हामी भरी थी, मुझे पता था कि यह मेरे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह सफर मुझे इतना कुछ सिखाएगा। मैंने हर दिन खुद से कहा कि मैं यह आरव्व और रोहित के लिए जीतना चाहती हूं, वही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा रहे। आज जब मैं यह ट्रॉफी हाथ में ले रही हूं, यह सिर्फ मेरी नहीं, हमारे पूरे परिवार की जीत है। यह अनुभव मेरे लिए भावनात्मक, सच्चा और यादगार रहा।”

होस्ट रणविजय सिंहा ने कहा, “इस शो को होस्ट करना मेरे लिए खास अनुभव रहा क्योंकि यह मुझे मेरे बचपन के गांव की यादों में ले गया। इन सभी छोरियों को शहर की आरामदायक ज़िंदगी से निकलकर गांव की सादगी को अपनाते देखना प्रेरणादायक था। अनिता ने पूरे सीज़न में दृढ़ता और गरिमा के साथ खेला, और उनका ट्रॉफी जीतना इस सफर का सबसे सुंदर अंत था। मेरे लिए हर प्रतिभागी विजेता है, क्योंकि सबने सरल जीवन में खुशियों की ताकत को पहचाना।”

शो का यह फिनाले 60 दिनों की मेहनत, टीमवर्क और सांस्कृतिक अनुभवों का प्रतीक रहा। इसमें अनिता हसनंदानी, कृष्णा श्रॉफ, ऐश्वर्या खरे, सुमुखी सुरेश, अंजुम फाकीह, रमीत संधू, रेहा सुखेजा, एरिका पैकार्ड, सुरभि मेहरा, समृद्धि मेहरा, डॉली जावेद और वाइल्डकार्ड एंट्री मैरा मिश्रा जैसी प्रतिभागियों की यात्राएं दिखाई गईं।

हर प्रतिभागी ने अपने तरीके से खास प्रदर्शन किया, लेकिन अनिता हसनंदानी की लगातार मेहनत और सकारात्मक सोच ने उन्हें यह जीत दिलाई। शो का पहला सीज़न खत्म होने के साथ ही ज़ी टीवी ने फिर साबित किया कि वह दर्शकों के लिए मनोरंजन के साथ-साथ प्रेरणादायक कहानियां भी लाता है।

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