Greater Noida: उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 (UPITS-2025) को सफल, सुरक्षित और भव्य बनाने में उत्तर प्रदेश पुलिस का योगदान भी काफी सराहनीय रहा। इस आयोजन के दौरान सुरक्षा, ट्रैफिक प्रबंधन और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने में यूपी पुलिस की स्मार्ट पुलिसिंग की व्यवस्था ने एक नई मिसाल कायम की। पुलिस अधिकारियों की तैनाती और आधुनिक सुरक्षा उपायों ने इस कार्यक्रम को न सिर्फ व्यवस्थित बल्कि दिव्य और भव्य भी बना दिया।
इस बड़े आयोजन में आने वाले फॉरेन और वीआईपी डेलीगेट्स की सुरक्षा हो या फिर प्रतिदिन लाखों की संख्या में पहुंच रहे आगंतुकों की सुरक्षा और ट्रैफिक की जिम्मेदारी, हर मोर्चे पर पुलिस चौकन्नी रही। किसी तरह की मिसहैपनिंग न हो, इसके लिए 24 घंटे कंट्रोल कमांड सेंटर से पूरे वेन्यू की मॉनीटरिंग की गई। अत्याधुनिक तकनीक से लैस ड्रोन, सीसीटीवी कैमरों और अन्य माध्यमों से आयोजन को जीरो इंसिडेंट इवेंट बनाने में सफलता प्राप्त की गई।
बड़े पैमाने पर तैनात की गई फोर्स
एडिशनल पुलिस कमिश्नर ग्रेटर नोएडा राजीव नारायण मिश्र ने आयोजन के दौरान सुरक्षा के लिए किए गए व्यापक इंतजामों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयोजन स्थल के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम करते हुए, पुलिस विभाग ने सुरक्षा के लिए सात डीसीपी (डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस), चौदह एडीसीपी (एडिशनल डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस), 38 एसीपी (असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस), 80 इंस्पेक्टर, तीन सौ सब इंस्पेक्टर, चालीस महिला सब इंस्पेक्टर, कुल एक हजार चार सौ कांस्टेबलों को तैनात किया। इसके साथ ही, महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, एक सौ पचास महिला कांस्टेबल भी तैनात की गई थीं। सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए, सात कंपनियां पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी) और एक कंपनी आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) को भी तैनात किया गया था।
ट्रैफिक रहा चुस्त दुरुस्त
यूपी पुलिस के इस बड़े प्रयास में ट्रैफिक प्रबंधन का विशेष ध्यान रखा गया था। ट्रैफिक जाम और भीड़-भाड़ से बचने के लिए, दस ट्रैफिक इंस्पेक्टर, बीस टीएसआई (ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर), चार सौ पचास ट्रैफिक कांस्टेबल और तीन एसीपी ट्रैफिक को नियुक्त किया गया। इन सभी कर्मचारियों ने सुनिश्चित किया कि ट्रैफिक सुचारु रूप से चले और यात्री बिना किसी परेशानी के इवेंट स्थल तक पहुंच सकें। इसका असर भी देखने को मिला और हर कोई हैसल फ्री ट्रैफिक के माध्यम से आयोजन स्थल पर पहुंच सका।
9 जोन और 20 सेक्टर्स में बांटा गया आयोजन स्थल
आयोजन स्थल और आसपास के क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के लिए शहर को नौ जोन और बीस सेक्टरों में बांट दिया गया था। इसके अलावा, एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया था, जो पूरे समय 24 घंटे एक्टिव था और सुरक्षा के सभी पहलुओं की निगरानी करता था। इस कंट्रोल रूम में 550 सीसीटीवी कैमरों द्वारा पूरे क्षेत्र की पल-पल की निगरानी की जाती थी, जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
15 हजार की रही पार्किंग क्षमता
पार्किंग की व्यवस्था भी इस इवेंट की अहम जरूरत थी। इसके लिए सात पार्किंग स्थल बनाए गए, जहां पंद्रह हजार से अधिक गाड़ियों की पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। इसमें सर्वाधिक क्षमता नासा पार्किंग की रही, जहां 10 हजार वाहन एक साथ खड़े किए जा सकते थे। यही नहीं, यहां से लोगों को आयोजन स्थल तक ले जाने के लिए शटल बसों की भी व्यवस्था की गई थी। यह व्यवस्था इवेंट में आने वाले आगंतुकों को आसानी से पार्किंग का विकल्प प्रदान कर रही थी।
फिर दिखी स्मार्ट पुलिसिंग
स्मार्ट पुलिसिंग के तहत पुलिस ने एक डिजिटल दृष्टिकोण अपनाया था। इवेंट में आने वाले लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से डायवर्जन प्लान की जानकारी दी गई, ताकि वे इवेंट स्थल तक सही मार्ग पर पहुंच सकें। यह स्मार्ट पुलिसिंग की प्रणाली दर्शाती है, जहां टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर जनता तक सटीक जानकारी पहुंचाई गई और यातायात व्यवस्था को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया गया।
शहर भर में लगाए गए साइन बोर्ड
आगंतुकों, विशेषकर विदेशी डेलीगेट्स और गेस्ट्स के लिए उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। उन्हें इवेंट स्थल तक पहुंचने के लिए होटल से यूपीआईटीएस स्थल तक सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन की व्यवस्था की गई। साथ ही, इवेंट स्थल और शहरभर में साइन बोर्ड लगाए गए, ताकि लोग आसानी से इवेंट स्थल तक पहुंच सकें।
एंटी ड्रोन भी किया गया तैनात
इसके अलावा, सुरक्षा के और भी कड़े उपाय किए गए थे। ड्रोन और एंटी-ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया गया था ताकि आसमान से भी सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। यह आधुनिक तकनीकी उपाय इस बात का प्रमाण हैं कि यूपी पुलिस ने स्मार्ट पुलिसिंग को पूरी तरह से अपनाया और इस इवेंट को एक सुरक्षित और व्यवस्थित अनुभव बनाने में अहम भूमिका निभाई।