Navratri: नवरात्रि का आठवां दिन महागौरी माता को समर्पित है. इस दिन उनकी पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है और लोंगों को माता से मनचाहा आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में खुशियां बनी रहती हैं और जीवन में आने वाली परेशानियां दूर रहती है. हिन्दू धर्म में नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी माता की पूजा की जाती है. महागौरी माता नवदुर्गाओं में से आठवीं देवी मानी जाती है. इनकी पूजा करने से लोगों के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है.
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की विशेष पूजा का विधान है. महागौरी माता भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं. शिव और शक्ति का मिलन ही संपूर्णता है. यह माना जाता है कि महागौरी माता की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और माता की कृपा से व्यक्ति को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है. इसके अलावा कुंवारी कन्याएं महागौरी माता की पूजा करके मनचाहा वर प्राप्त कर सकती हैं.
कन्या पूजन का महत्व-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का बड़ा महत्व है। कहा जाता है कि इससे घर में समृद्धि आती है और परिवार पर मां दुर्गा की कृपा बनी रहती है। इस दिन मां की विधिवत पूजा, मंत्र-आरती करने और उन्हें विशेष भोग लगाने से साधक को संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है.
इस साल अष्टमी तिथि का प्रारम्भ 29 सितंबर को शाम 04:31 बजे शुरू होगी और इसके समापन 30 सितंबर को शाम 06:06 बजे होगा। ऐसे में महाअष्टमी का पर्व 30 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा।
दुर्गा अष्टमी का पूजन मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:37 से 5:25 बजे तक (स्नान व ध्यान के लिए उत्तम)
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:47 से 12:35 बजे तक
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त: प्रातः 10:40 से 12:10 बजे