Mussoorie: मसूरी के झड़ीपानी क्षेत्र में ज़मीन के लगातार धंसने की घटनाओं ने न सिर्फ स्थानीय लोगों की नींद उड़ा दी है, बल्कि प्रशासन को भी हाई अलर्ट पर ला दिया है। 15 सितंबर को हुई भारी बारिश के बाद इलाके में दरारें और धंसाव की घटनाएं तेज़ी से बढ़ी हैं, जिससे ट्रैक रूट और आसपास की बस्तियों को खतरा पैदा हो गया है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम मसूरी राहुल आनंद के नेतृत्व में भू-वैज्ञानिकों, पीडब्ल्यूडी, पर्यटन विभाग और नगर पालिका की संयुक्त टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। जहाँ टीम नहीं पहुँच सकी, वहाँ ड्रोन से सर्वे किया गया। राहुल आनंद ने बताया कि टीम 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और उसके आधार पर झड़ीपानी क्षेत्र में ट्रीटमेंट कार्य शुरू किया जाएगा। इसमें मिट्टी की मजबूती, जल बहाव नियंत्रण और चेतावनी संकेत लगाए जाएंगे।
पर्यटन विभाग के अधिकारी विजेंद्र पांडे ने जानकारी दी कि ट्रैक रूट पर गिरे मलबे और बोल्डरों को हटाने का काम जल्द शुरू होगा। उनका कहना है कि ट्रैक को फिर से सुरक्षित बनाकर पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि अब उनकी ज़मीन और घरों को सुरक्षित रखा जा सकेगा।
भू-वैज्ञानिकों ने चेताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में जल निकासी की कमी, वृक्ष कटान और लगातार बारिश ज़मीन धंसने की मुख्य वजहें हैं। ऐसे में झड़ीपानी जैसे इलाकों में भूगर्भीय अध्ययन और इंजीनियरिंग ट्रीटमेंट समय पर किया जाना बेहद जरूरी है।