Uttar Pradesh: कानून-व्यवस्था के लिए बदमाशों-गुंडों से सख्ती से निपटा जाए, सीएम योगी के पुलिसकर्मियों को निर्देश

Uttar Pradesh: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से आगामी त्योहारों को हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाने की अपील की और साथ ही ये सुनिश्चित किया है कि सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहे। एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने त्योहारों के सुचारू संचालन, स्वच्छता बनाए रखने और कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के संबंध में सरकारी और प्रशासनिक अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए।

बैठक में मंडलायुक्त, जिलाधिकारियों, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जोन), पुलिस आयुक्तों, महानिरीक्षकों, उप महानिरीक्षकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार समीक्षा के समय मुख्यमंत्री ने त्योहारों के मौसम के लिए विभागीय तैयारियों पर अतिरिक्त मुख्य सचिवों और प्रमुख सचिवों से जानकारी भी ली। महिला सशक्तिकरण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि ‘मिशन शक्ति’ महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।

‘मिशन शक्ति 5.0’ का राज्यव्यापी क्रियान्वयन 22 सितंबर, शारदीय नवरात्रि के पहले दिन से शुरू होगा और चरणबद्ध तरीके से एक महीने तक चलेगा। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को व्यापक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

जागरूकता अभियान के तहत, 21 सितंबर की शाम को प्रत्येक ज़िले में महिला पुलिसकर्मियों के नेतृत्व में एक बाइक रैली का आयोजन किया जाएगा। 22 सितंबर से, एंटी-रोमियो स्क्वॉड अपनी उपस्थिति बढ़ाएगा और सार्वजनिक स्थानों, बालिका विद्यालयों और अन्य संवेदनशील स्थानों पर मनचलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। आदित्यनाथ ने आगे निर्देश दिया कि महिला पुलिस अधिकारी ग्राम पंचायतों में महिला सुरक्षा के बारे में सक्रिय रूप से जागरूकता फैलाएँ और लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दें। पिंक बूथ पूरी तरह से चालू रहें।

उन्होंने ये भी निर्देश दिया कि मिशन शक्ति अभियान के तहत राज्य और ज़िला दोनों स्तरों पर उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं की पहचान की जाए और उन्हें सम्मानित किया जाए। सरकार की ज़िम्मेदारी पर ज़ोर देते हुए उन्होंने दोहराया कि प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य का सर्वोच्च कर्तव्य है। कानून-व्यवस्था पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावी पुलिसिंग, निरंतर संवाद और समाज के सभी वर्गों के सहयोग के कारण हाल के वर्षों में त्योहार शांति और सद्भाव के माहौल में मनाए गए हैं।

उन्होंने पिछले त्योहारों के दौरान सकारात्मक माहौल पर संतोष व्यक्त किया और अधिकारियों से आगामी अवसरों, जैसे पितृ विसर्जन, शारदीय नवरात्रि, विजयादशमी, गांधी जयंती, लाल बहादुर शास्त्री जयंती, अग्रसेन जयंती, महर्षि वाल्मीकि जयंती, दीपोत्सव, दिवाली और काशी की देव दीपावली तथा छठ महापर्व, में समन्वय और जनभागीदारी की इसी भावना को बनाए रखने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि त्योहारों का मौसम शांति, सुरक्षा और सुशासन बनाए रखने के लिए एक संवेदनशील समय होता है और उन्होंने पिछले अनुभवों से सबक लेने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “पुलिस और नागरिक अधिकारियों सहित पूरे उत्तर प्रदेश प्रशासन को चौबीसों घंटे सतर्क रहना चाहिए। ये सुनिश्चित करने के लिए कि प्रत्येक त्योहार सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया जाए, स्थानीय आवश्यकताओं का सावधानीपूर्वक ध्यान रखा जाना चाहिए।”

अधिकारियों को पिछले महीने की गतिविधियों की समीक्षा करने, उपद्रवियों की पहचान करने और उन पर कड़ी नज़र रखने के निर्देश दिए गए। आदित्यनाथ ने कहा, “शांति भंग करने की किसी भी कोशिश से सख्ती से निपटा जाना चाहिए और उपद्रवियों को उनकी ही भाषा में जवाब दिया जाना चाहिए।” मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी की जरूरत पर बल दिया।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अफवाह फैलाने वालों या जनता को गुमराह करने के लिए फर्जी अकाउंट बनाने वालों के खिलाफ तत्काल और कड़ी कार्रवाई करें। इसके साथ ही पारदर्शिता और जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए घटनाओं की सटीक जानकारी सोशल और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से तुरंत दी जानी चाहिए। सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिशों के प्रति आगाह करते हुए उन्होंने अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया।

त्योहारों के दौरान सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए शहर-विशिष्ट यातायात प्रबंधन योजना तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर छोटी सी भी घटना को गलत तरीके से संभाला गया, तो वह बड़े संघर्ष का रूप ले सकती है, इसलिए अतिरिक्त सतर्कता, त्वरित कार्रवाई और समय पर सूचना देना ज़रूरी है।

जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस प्रमुख जैसे वरिष्ठ अधिकारियों को किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में बिना किसी देरी के व्यक्तिगत रूप से घटनास्थल पर पहुँचना चाहिए। उन्होंने कहा कि संवेदनशील मामलों में, वरिष्ठ अधिकारियों को स्वयं कमान संभालनी चाहिए।

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