Uttarakhand: देहरादून में भारी बारिश से तबाही,15 की मौत, 16 लापता

Uttarakhand: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून सहित राज्य के कई अन्य हिस्सों में बादल फटने और भारी बारिश के कारण भारी तबाही मची, उफनती नदियों ने इमारतें, सड़कें और पुल बहा दिए। इस घटना में 15 लोगों की मौत हो गई, 16 लापता हैं और 900 लोग सूबे के अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए हैं। कुल मौतों में से अकेले देहरादून जिले में 13 और नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि राज्य की राजधानी के विभिन्न हिस्सों में 16 लोग लापता बताए गए हैं। इसमें बताया गया है कि इन घटनाओं में तीन लोग घायल भी हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है।

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि खराब मौसम के बीच लापता लोगों की तलाश जारी है, जबकि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और दमकल कर्मियों ने फंसे हुए अधिकांश लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। बताया जा रहा है कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अग्निशमन विभाग के जवानों ने अलग-अलग जगहों पर फंसे 900 लोगों को बचाया। बारिश के बाद ज़्यादातर नदियां उफान पर हैं। तमसा नदी, जिसे टोंस नदी भी कहा जाता है, उसने अपने तट पर स्थित प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर को पानी में डूबो दिया, जिससे मंदिर के प्रवेश द्वार के पास स्थित विशाल हनुमान प्रतिमा कंधों तक डूब गई। मंदिर के पुजारी बिपिन जोशी ने कहा कि उन्होंने पिछले 25-30 सालों में नदी का पानी इतना ऊपर उठते नहीं देखा।
उन्होंने बताया कि सुबह के समय जब बाढ़ आई, उस समय मंदिर परिसर में कुछ श्रद्धालु मौजूद थे। उन्होंने ये भी बताया कि मंदिर में ठहरे पुजारी सुरक्षित हैं। देहरादून ज़िले में सड़कें टूट गईं और कई पुल बह गए।

उफनती नदियों के पानी के सड़कों पर बहने के कारण, लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाना एक बड़ी चुनौती बन गई है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में एसडीआरएफ के जवान बाढ़ग्रस्त नदियों की तेज़ धाराओं में फंसे लोगों को निकालने में मदद करते दिखाई दे रहे हैं, जिनमें कार और ट्रक समेत कई वाहन फंसे हुए थे। सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि देहरादून के पौंधा क्षेत्र स्थित देवभूमि संस्थान परिसर में जलभराव के कारण फंसे लगभग 400-500 छात्रों को एसडीआरएफ की एक टीम ने बचाया।

एक लड़का बिजली के खंभे से चिपक गया था, जिस पर वो नीचे बहती नदी के पानी से खुद को बचाने के लिए चढ़ा था, उसे एसडीआरएफ के एक जवान ने अपनी जान जोखिम में डालकर रस्सी की मदद से सुरक्षित जगह पर पहुंचाया। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के अनुसार सहस्त्रधारा, मालदेवता, संतला देवी और डालनवाला इस आपदा से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। सहस्त्रधारा में 192 मिलीमीटर बारिश हुई, इसके बाद मालदेवता (141.5 मिलीमीटर), हाथी बरकला और जॉली ग्रांट (दोनों जगहों पर 92.5 मिलीमीटर) और कलसी (83.5 मिलीमीटर) में बारिश हुई। कई सड़कें, घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं और पुल बह गए।

देहरादून-मसूरी मार्ग भी कई जगहों पर टूट गया, जिसके कारण पुलिस ने पर्यटकों और आने वालों से अपील की कि वे अपनी सुरक्षा के लिए जहां भी हों, वहीं रहें, चाहे वे होटलों में हों, घरों में हों या होमस्टे में, जब तक कि सड़क बहाल न हो जाए। तिवारी ने बताया कि टिहरी में जलभराव के कारण लोग गीता भवन में फँस गए, जिन्हें बाद में बचा लिया गया। एक अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के मलबे से नैनीताल में एक सड़क अवरुद्ध हो गई। मझारा गांव के लोगों को सड़क पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वे सुबह-सुबह अपने घरों पर हुए भूस्खलन से बच गए थे। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग लापता हो गए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जिले के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा कर जमीनी हालात का जायजा लिया। स्थानीय विधायक और वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ थे। भारी बारिश के बाद मालदेवता क्षेत्र में उन्होंने कहा, “भारी बारिश के बाद सभी नदियां उफान पर हैं। 25 से 30 जगहों पर सड़कें टूट गई हैं। संपर्क मार्ग कट गए हैं। घरों और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बचाव दल सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “राज्य सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है। प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर है और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन सक्रिय है।” धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भारी बारिश के बाद उत्तराखंड के हालात की जानकारी दी। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार उन्होंने राज्य को हर संभव मदद का भरोसा दिया और कहा कि केंद्र सरकार संकट की इस घड़ी में उत्तराखंड के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है।

भारी बारिश के कारण देहरादून में सोंग नदी उफान पर आ गई, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ आ गई। इससे मालदेवता में एक पुल खतरे में पड़ गया, जिसके बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए समन्वय से काम किया। धामी ने शाम को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में एक बार फिर स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों से राहत एवं बचाव अभियान युद्धस्तर पर चलाने को कहा। उन्होंने कहा, “सरकार हर पीड़ित के साथ है; प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। लापता लोगों की तलाश जारी है और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। भोजन, पेयजल और दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति के साथ राहत शिविर स्थापित किए जा रहे हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *