PM Modi: 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है, पूरा देश उनको चाहने वाले और उनके दोस्त प्रधानमंत्री को 75वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं दे रहे हैं और उनके साथ बिताए गए पलों को याद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के बचपन के दोस्त दशरथभाई ने भी उनके साथ बिताए गए स्कूल के दिनों को याद किया। दशरथभाई अपने बचपन के दोस्त के संघर्षों को याद करते हुए पुरानी यादों में खो गए और बताया कि कैसे नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री बनने से कई साल पहले उनसे एक वादा निभाया था।
दशरथभाई ने बताया, “हमारे स्कूल के दिनों में नरेंद्र भाई चाय बेचा करते थे। उनके पिता की एक चाय की दुकान थी और मेरे पिता की दुकान भी पास में ही थी। पहली ट्रेन सुबह लगभग छह बजे आती थी और उनकी छोटी सी दुकान वहीं थी। उस समय सिर्फ दो ट्रेनें आती थीं, एक सुबह और एक शाम को। वो केतली लेकर एक बोगी से दूसरी बोगी जाकर यात्रियों को चाय पिलाते थे। बीच में वो स्कूल भी जाते थे।”
उन्होंने बताया, “नरेंद्र भाई और मैं बाल मंदिर से लेकर कॉलेज तक साथ-साथ पढ़े। हालांकि हमारे स्कूल बदलते रहे, लेकिन हम साथ ही रहे – पहले प्राइमरी स्कूल में, फिर 8वीं से 11वीं कक्षा तक बीएनआर स्कूल में और बाद में एमएन कॉलेज में। हम शुरू से ही बहुत करीब थे और हम आरएसएस की शाखाओं में साथ-साथ जाते थे।” दशरथभाई को एक घटना याद है कि कैसे मोदी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद कॉलेज के दिनों में किया अपना वादा निभाया।
उन्होंने बताया, “1969 में मोदी और मैं वडनगर (प्रधानमंत्री का गृहनगर) में जुड़वां बहनों और गायिकाओं ताना और रीरी के स्मारक के पास से गुजर रहे थे। उस समय मोदी ने मुझसे कहा था कि मुख्यमंत्री बनने के बाद वो इस स्मारक का जीर्णोद्धार करेंगे। उन्होंने कई सालों तक इस सपने को जिदा रखा। जब वो आखिरकार 2001 में मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने अपना वादा निभाया और स्मारक के जीर्णोद्धार का आदेश दिया।” प्रधानमंत्री के दोस्त ने मोदी द्वारा मगरमच्छ का एक बच्चा घर लाने की घटना को भी याद किया।
उन्होंने बताया, “हम साथ में नहाने के लिए एक तालाब में जाते थे। तालाब में बड़े और छोटे कई मगरमच्छ थे। मुझे आज भी याद है कि एक दिन वो एक मगरमच्छ का बच्चा घर लाए थे। लेकिन उनकी मां ने उन्हें डांटा और कहा कि उसे उसकी मां से अलग करना ठीक नहीं है। इसलिए उन्होंने उसे तालाब में वापस कर दिया।”