Nepal: भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं के आंदोलन ने गिराई सरकार, नेपाल में नई शुरुआत

Nepal: नेपाल में भ्रष्टाचार और इंटरनेट मीडिया पर रोक के खिलाफ जेन-जी युवाओं के बड़े और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद केपी शर्मा ओली की सरकार गिर गई। अब देश धीरे-धीरे शांति और प्रगति की राह पर लौट रहा है।

रविवार को नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने पदभार संभाला। सोमवार को उनकी अंतरिम सरकार के तीन मंत्रियों ने शपथ ली। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

कौन-कौन बने मंत्री और किसे क्या जिम्मेदारी मिली?
ओम प्रकाश आर्याल – गृह मंत्री और विधि, न्याय व संसदीय कार्य मंत्री। वे मानवाधिकार वकील रह चुके हैं और काठमांडू के मेयर के सलाहकार भी रहे हैं।
रमेश्वर खनाल – वित्त मंत्री। वे नेपाल के पूर्व वित्त सचिव रह चुके हैं।
कुलमान घिसिंग – ऊर्जा, जल संसाधन, सिंचाई, परिवहन और शहरी विकास मंत्री। घिसिंग लोड-शेडिंग खत्म करने के लिए जाने जाते हैं।

शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन शीतल निवास में तंबू में हुआ क्योंकि हाल ही के विरोध प्रदर्शनों में भवन को नुकसान पहुंचा था।

नई सरकार की प्राथमिकताएँ
गृह मंत्री आर्याल ने कहा कि अंतरिम सरकार का मुख्य लक्ष्य है – समय पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना। उन्होंने यह भी वादा किया कि प्रदर्शनों के दौरान पुलिस द्वारा बल प्रयोग की जांच होगी।

Gen Z आंदोलन और शोक दिवस
प्रदर्शनों में 59 प्रदर्शनकारी, 10 कैदी और 3 पुलिसकर्मी मारे गए थे। सरकार ने 17 सितंबर को शोक दिवस घोषित किया है। इस दिन पूरे देश में सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे और राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। मारे गए लोगों के परिवारों को 15 लाख नेपाली रुपये मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे।

प्रधानमंत्री कार्की ने घोषणा की कि 8 और 9 सितंबर को जिन युवाओं की जान गई, उन्हें “बलिदानी” का दर्जा दिया जाएगा। साथ ही मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय न्यायिक आयोग बनाया जाएगा।

युवाओं की बढ़ती भूमिका
जेन-जी युवाओं ने इंटरनेट मीडिया और डिस्कॉर्ड जैसे ऐप्स का इस्तेमाल कर विरोध प्रदर्शनों को संगठित किया। “हामी नेपाल” समूह के संस्थापक सुदान गुरुंग और उनकी टीम ने इस आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। यही टीम राष्ट्रपति और सेना प्रमुख को कार्की को प्रधानमंत्री बनाने के लिए मनाने में भी सफल रही।

सुदान और उनकी टीम ने कैबिनेट पद लेने से इनकार किया है, लेकिन उन्होंने साफ किया है कि भविष्य में वे निर्णय लेने की प्रक्रिया में भागीदार रहना चाहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *