Vice President: उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दिया गया और तत्काल प्रभाव से लागू हो गया।
संविधान के अनुच्छेद 68(2) के मुताबिक, खाली पद को भरने के लिए जल्द चुनाव कराने का प्रावधान है। नए उप-राष्ट्रपति की नियुक्ति तक उप-सभापति या राष्ट्रपति द्वारा अधिकृत राज्यसभा सांसद उप-राष्ट्रपति के राज्यसभा संबंधी कर्तव्यों का निर्वहन करता है।
भारत के उप-राष्ट्रपति का चुनाव संसद द्वारा किया जाता है। इसमें लोकसभा, राज्यसभा के सभी सांसदों समेत मनोनीत सदस्य मतदान करते हैं। उप-राष्ट्रपति चुनाव गुप्त मतदान से होता है।
हर सांसद बैलेट पेपर पर उम्मीदवारों को अपनी पसंद की प्राथमिकता के हिसाब से मतदान करता है। अगर किसी उम्मीदवार को पहले चरण में ही बहुमत मिल जाता है तो वो विजेता घोषित हो जाता है।
अगर कोई भी उम्मीदवार पहले चरण में बहुमत नहीं पाता, तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है। उसके वोट दूसरे उम्मीदवारों को अगली पसंद के आधार पर ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। ये प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कोई उम्मीदवार बहुमत हासिल न कर लें।
चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार भारतीय नागरिक होना चाहिए। उम्र 35 साल से ज्यादा होनी चाहिए, साथ ही राज्यसभा सदस्य बनने के योग्य हों। उम्मीदवार केंद्र, राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकरण के अधीन किसी भी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए। उप-राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच साल का होता है और ये पद ग्रहण करने की तारीख से पूरे पांच साल होता है, चाहे उप-राष्ट्रपति का पद कभी भी खाली हुआ हो।
सर्वोच्च न्यायालय के वकील ज्ञानंत सिंह ने बताया कि “उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य होते हैं। मतदान गुप्त होता है। यह गुप्त मतदान के माध्यम से होता है। इसीलिए आप क्रॉस-वोटिंग वगैरह के बारे में सुनते हैं।