Ayodhya: सोमवार को साल 2025 का आखिरी चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद भगवान राम की नगरी अयोध्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सरयू नदी पर इकट्ठा हुए और पवित्र डुबकी लगाई। ग्रहण के बाद किया जाना वाला पवित्र स्नान आध्यात्मिक रूप से काफी अहम माना जाता है।
पुजारी “1:30 बजे मोक्ष हुआ ये रात ही से 1:30 बजे सैलाब स्नान कर रहा है सरयू तट पर। ये ग्रहण का स्नान कर रहे हैं। ग्रहण एक काशी मकर प्रयाग ग्रहण का स्नान काशी है लेकिन जो नहीं काशी जा पाए हैं, वो अयोध्या में सरयू में गोता लगा रहे हैं और पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं। आज पितरों का महीना भी है पितृ का तर्पण (पितरों को जल अर्पित करना) शुरू हो गया पिंड श्राद्ध शुरू हो गया।”
रविवार को पितृ पक्ष की भी शुरुआत हुई, आम तौर पर इसे श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के दिनों को बहुत ही खास माना जाता है और पितृपक्ष में लोग अपने पितरों की मुक्ति के लिए श्राद्ध करते हैं।
सरयू नदी के घाट पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान किया, श्रद्धालुओ काम कहना है कि “हम लोग ग्रहण का स्नान करने भी आए हैं और पितृ देव का आज से शुभारंभ हो रहा है। उनका तर्पण करने भी आए हुए हैं।
रविवार रात आठ बजकर 58 मिनट पर शुरू हुआ चंद्रग्रहण पांच घंटे से ज्यादा समय तक रहा। मान्यता है कि ग्रहण के समाप्त होने के तुरंत बाद स्नान करने से नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती हैं। मन और शरीर शुद्ध होता है।
सात सितंबर से शुरू हुआ पितृ पक्ष, 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन समाप्त होगा। इसके अगले दिन शारदीय नवरात्र शुरू होंगे। 22 सितंबर को नवरात्रि का पहला दिन होगा।