Pithoragarh: मुख्यमंत्री धामी ने मोस्टमानू मेले में वर्चुअल माध्यम से किया प्रतिभाग

Pithoragarh: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से मोस्टामानू महोत्सव में प्रतिभाग किया, इस अवसर पर पिथौरागढ़ जिले के अंतर्गत 62 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की 15 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया गया। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल एवं पर्यटन से जुड़ी विभिन्न विकासपरक योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि ख़राब मौसम के कारण पिथौरागढ़ में आयोजित होने वाले मोस्टामानू महोत्सव – 2025 में सम्मिलित नहीं हो सका। इस अवसर पर देहरादून से ही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महोत्सव के आयोजनकर्ताओं, कलाकारों और सहभागियों को शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि मोस्टामानू का मेला हमारी आस्था, विश्वास, और समृद्ध परंपराओं का प्रतीक है। यह केवल एक धार्मिक या पारंपरिक आयोजन नहीं, बल्कि हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है, जो कृषि और पशुपालन से जुड़े हमारे ग्रामीण जीवन की विशिष्टताओं को भी दर्शाता है। ऐसे आयोजन हमारी समृद्ध परंपराओं को संजोए रखते हुए उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने में भी सहायक सिद्ध होते हैं।

वहीं मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हो रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में उत्तराखंड के समग्र विकास के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण और हमारी पहचान को सुरक्षित रखने के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है।

केदारखंड की तरह मानसखंड में कुमाऊं के पौराणिक मंदिरों के भी पुनरुत्थान व सौंदर्यीकरण के कार्य किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पवित्र स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए लगभग 1 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न कार्य कराए गए हैं। 6 करोड़ से अधिक की लागत से गंगोलीहाट में हाट कालिका मंदिर के सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जा रहा है। 43 करोड़ रूपए की लागत से बजेटी शनि मंदिर, हनुमान मंदिर तथा लक्ष्मी नारायण मंदिर के समीप आधुनिक पार्किंग स्थलों का निर्माण भी किया जा रहा है। सरकार कई परियोजनाओं के माध्यम से पिथौरागढ़ जनपद सहित संपूर्ण क्षेत्र के समग्र विकास को सुनिश्चित करने हेतु पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि “मोस्टामानू महोत्सव पिथौरागढ़ की सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह महोत्सव स्थानीय जीवन शैली और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रदेश सरकार के प्रयासों से पिथौरागढ़ हवाई कनेक्टिविटी से जुड़ चुका है, इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है और युवाओं के लिए रोजगार तथा विकास के अवसर भी सृजित हो रहे हैं। मोस्टा देवता से समस्त प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि एवं उन्नति की प्रार्थना करता हूं।”

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