Uttarakhand: स्यानाचट्टी में झील का जलस्तर पांच-छह फीट घटा, राहत कार्यों के लिए उठाए जा रहे कदम

Uttarakhand: उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी में एक बरसाती नाले से मलबा आने के कारण यमुना नदी में बनी अस्थायी झील से लगातार पानी की निकासी हो रही है और उसका जलस्तर पांच-छह फीट घटा है। देहरादून में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, बरसाती नाले में गुरुवार शाम पानी के साथ बहकर आए मलबे और पत्थरों के कारण यमुना नदी का बहाव रूकने से स्यानाचट्टी में झील बन गयी थी।

परिचालन केंद्र के अनुसार, झील से लगातार पानी की निकासी हो रही है और अब तक उसका जलस्तर पांच-छह फीट घटा है। हालांकि, अब भी बरसाती नाले से लगातार मलबा बहकर आ रहा है। इसके अनुसार, केंद्रीय जल आयोग की टीम स्यानाचट्टी में मौजूद है और यमुना के जलस्तर की निगरानी कर रही है।

राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियां मौके पर मौजूद हैं तथा पानी की निकासी के लिए काम किया जा रहा है। भारी बारिश के कारण बरसाती नाले से बहकर आए मलबे के कारण बनी झील से यमुनोत्री के मुख्य पड़ाव स्यानाचट्टी कस्बे में मकानों, होटलों और अन्य इमारतों में पानी भर गया।

परिचालन केंद्र के मुताबिक, झील के कारण स्यानाचट्टी में बना पुल करीब दो फुट पानी में डूब गया, जिससे आवागमन बाधित हुआ। इसके अनुसार, स्यानाचट्टी में लगभग 25-30 मकान और 20-25 होटल हैं और करीब 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस बीच, स्यानाचट्टी के स्थानीय लोगों ने झील के पानी में उतरकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

उन्होंने कहा कि इस साल 29 जून को भी मलबा आने से झील बन गयी थी। उन्होंने कहा कि अगर तभी मलबा हटा दिया जाता और आवश्यक कदम उठा लिए जाते तो अब यह हालात न बनते। प्रदेश के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने स्थानीय लोगों से धैर्य बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है।

मौके पर मौजूद जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने स्यानाचट्टी के लोगों से नहीं घबराने की अपील की और कहा कि जल्द ही झील के पानी को निकाल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा लोगों के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं। आर्य ने कहा कि पूरे क्षेत्र की ड्रोन से निगरानी की जा रही है जबकि स्वास्थ्य, राजस्व, खाद्य आपूर्ति विभाग की टीमें भी मौके पर मौजूद हैं।

यमुनोत्री के विधायक संजय डोभाल और उत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष रमेश चौहान भी स्थानीय लोगों के बीच पहुंचे। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन सचिव को झील से जल निकासी के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए बचाव अभियान के लिए समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए।

उन्होंने स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी और सभी एहतियाती कदम उठाने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने सुरक्षित स्थानों में ठहरे लोगों के साथ-साथ स्यानाचट्टी के निवासियों के लिए भोजन, रसोई गैस, दवाइयों, पेट्रोल व डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

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