Dehradun: देहरादून और चंपावत जिला क्रिकेट एसोसिएशन भंग

Dehradun: क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए देहरादून और चंपावत जिला क्रिकेट एसोसिएशन को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। इस फैसले के तहत दोनों जिलों की क्रिकेट गतिविधियों की जिम्मेदारी अब सीएयू ने अपने नियंत्रण में ले ली है, यह कार्रवाई इन जिला संगठनों द्वारा सीएयू के नियमों का पालन न करने के कारण की गई है।

सीएयू के नियमों के अनुसार, प्रत्येक जिला क्रिकेट एसोसिएशन को अपने प्रतिनिधियों की जानकारी और अन्य आवश्यक दस्तावेज जुलाई महीने तक मुख्यालय में जमा करने थे। देहरादून और चंपावत जिला क्रिकेट एसोसिएशन ने इस समय सीमा का पालन नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप यह सख्त कदम उठाया गया।

सीएयू अध्यक्ष डॉ. गिरीश गोयल का बयान

क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ. गिरीश गोयल ने इस निर्णय पर अपनी बात रखते हुए कहा, “सीएयू का उद्देश्य उत्तराखंड में क्रिकेट को और अधिक व्यवस्थित, पारदर्शी और पेशेवर बनाना है। नियमों का पालन और समयबद्धता हमारे लिए सर्वोपरि है। देहरादून और चंपावत जिला क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा जानकारी जमा न करने के कारण हमें यह कदम उठाना पड़ा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इन जिलों में क्रिकेट गतिविधियां बिना किसी रुकावट के सुचारू रूप से चलें और खिलाड़ियों को बेहतर अवसर मिलें।”

सीएयू की भावी योजना

सीएयू ने स्पष्ट किया कि देहरादून और चंपावत में क्रिकेट गतिविधियों को संचालित करने के दोनों जिलों में क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड ने संयोजकों की तैनाती कर दी है। देहरादून जिले मे पीसी वर्मा और चंपावत मे राहुल पवार को संयोजक बनाया गया है।

खिलाड़ियों और क्रिकेट के लिए प्रभाव

देहरादून, उत्तराखंड की राजधानी होने के साथ-साथ क्रिकेट का एक प्रमुख केंद्र है, और चंपावत भी स्थानीय स्तर पर क्रिकेट विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सीएयू का यह निर्णय इन जिलों में क्रिकेट प्रशासन को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है। स्थानीय खिलाड़ियों और प्रशंसकों के बीच इस फैसले ने चर्चा का माहौल बना दिया है।

सीएयू ने आश्वासन दिया है कि इस कार्रवाई का खिलाड़ियों के प्रदर्शन या अवसरों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। संगठन का कहना है कि यह कदम उत्तराखंड में क्रिकेट के विकास को गति देने और प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।

निष्कर्ष-
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने अपने इस कदम से स्पष्ट संदेश दिया है कि नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक अनुशासन को बनाए रखने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सीएयू उत्तराखंड में क्रिकेट के विकास और खिलाड़ियों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। भविष्य में इन जिलों में क्रिकेट गतिविधियों के और बेहतर होने की उम्मीद की जा रही है।

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