Delhi: ‘इंडिया’ गठबंधन का मार्च बेकाबू, अखिलेश कूदे बैरिकेड, विपक्षी नेता हिरासत में

Delhi: आज विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं का संसद से चुनाव आयोग तक मार्च पुलिस से टकराव में बदल गया। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण और 2024 लोकसभा चुनावों में कथित मतदाता धोखाधड़ी के विरोध में निकाले गए इस मार्च को पुलिस ने परिवहन भवन पर रोक दिया, क्योंकि इसके लिए अनुमति नहीं ली गई थी।

पुलिस बैरिकेड्स रोकने पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव बैरिकेड के ऊपर से कूद गए और बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा समेत कई नेता नारेबाजी करते दिखे। कई सांसद बैरिकेड्स पार करने की कोशिश में पुलिस से उलझ पड़े।

पुलिस के समझाने के बावजूद विपक्षी सांसद हटने को तैयार नहीं हुए, जिसके बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव और अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मतदाता सूची में गड़बड़ियां कर विपक्ष समर्थक मतदाताओं को प्रभावित करने की साजिश हो रही है।

पुलिस बैरिकेड के ऊपर से कूद गए अखिलेश

इस दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पुलिस बैरिकेड के ऊपर से कूद गए। वे बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान मतदाता धोखाधड़ी के आरोपों में विपक्षी गठबंधन के विरोध मार्च के तहत संसद से भारत के चुनाव आयोग तक मार्च कर रहे थे। उन्हें बीच में ही दिल्ली पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद अखिलेश बैरिकेड के ऊपर से कूद गए और अन्य साथियों के साथ बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए।
हिरासत में राहुल-प्रियंका समेत तमाम सांसद

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि हमने हिम्मत की है। सरकार डरी हुई है। सरकार कायर है। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हकीकत ये है कि वो बात नहीं कर सकते। सच्चाई देश के सामने है। ये लड़ाई राजनीतिक नहीं है। ये लड़ाई संविधान बचाने की है। ये लड़ाई एक व्यक्ति, एक वोट की है। हम एक साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहते हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, संजय राउत और सागरिका घोष सहित विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसदों को हिरासत में ले लिया है।
पूरा मामला-
विपक्ष संसद के दोनों सदनों में एसआईआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आयोग की इस कवायद का उद्देश्य इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करना है। वे दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। बिहार में एसआईआर को लेकर संसद में गतिरोध बना हुआ है। 21 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से दोनों सदनों में लगातार व्यवधान और नाममात्र का विधायी कार्य हुआ है। दोनों सदनों में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को छोड़कर 21 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से संसद में बहुत कम काम हुआ है। बार-बार कार्यवाही स्थगित की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *