Delhi: दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने जा रही है, इस सत्र में रेखा गुप्ता सरकार स्कूल फीस वृद्धि को नियंत्रित करने वाला एक अहम विधेयक को पेश करेगी, साथ ही साथ आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल से जुड़ी दो सीएजी रिपोर्ट पेश की जाएंगी। खास बात है कि ये सत्र पेपरलेस (डिजिटल) फॉर्मेट में आयोजित किया जाएगा, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सत्र के दौरान सीएजी की दो रिपोर्टें पेश करेंगी।
पहली सीएजी रिपोर्ट वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राज्य की वित्तीय स्थिति से जुड़ी है. जबकि दूसरी सीएजी रिपोर्ट 31 मार्च 2023 के समाप्त वर्ष में भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों के कल्याण से संबंधित है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी सरकार ने विभिन्न सत्रों में कई सीएजी रिपोर्ट पेश कीं और आम आदमी पार्टी पर वित्तीय कुप्रबंधन के आरोप लगाए थे।
दिल्ली स्कूल एजुकेशन विधेयक, 2025 सत्र में शिक्षा मंत्री आशीष सूद यह विधेयक पेश करेंगे, इस विधेयक को लाने के पीछे का उद्देश्य निजी स्कूलों द्वारा मनमानी से फीस बढ़ाए जाने को निर्धारित करना और फीस वृद्धि की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है। दिल्ली सरकार के कैबिनेट ने 29 अप्रैल को दिल्ली के निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस बढ़ाए जाने के खिलाफ एक अध्यादेश पारित किया था। अगर कोई निजी स्कूल मनमानी तरीके से फीस बढ़ाता है तो उसके खिलाफ सख्त जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
अगर कोई स्कूल पहली बार नियम को तोड़ता है तो एक से पांच लाख रुपये तक उसपर जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं बार-बार अगर कोई स्कूल ऐसा करता पाया गया तो उस पर दो से दस लाख रुपये तक जुर्माना लग सकता है। अध्यादेश में प्रस्ताव है कि यदि स्कूल निर्धारित समय सीमा के भीतर राशि वापस नहीं करता है, तो 20 दिनों के बाद जुर्माना दोगुना, 40 दिनों के बाद तीन गुना और हर 20 दिन की देरी के साथ बढ़ता रहेगा।
इसमें बार-बार उल्लंघन करने वालों पर दंड का भी प्रावधान है। मसौदा अध्यादेश के अनुसार, जो लोग बार-बार नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे उन्हें स्कूल प्रबंधन में आधिकारिक पदों पर रहने से भी रोका जा सकता है। इसके अतिरिक्त स्कूल प्रबंधन भविष्य में शुल्क संशोधन का प्रस्ताव देने का अधिकार भी खो सकता है।