Uttarakhand: मसूरी आने वाले सैलानियों के लिए अब अनिवार्य होगा रजिस्ट्रेशन

Uttarakhand: उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार मसूरी आने वाले पर्यटकों के पंजीकरण के लिए पोर्टल तैयार किया है। इसमें मसूरी आने से पहले पर्यटकों को पंजीकरण कराना अनिवार्य हो गया है। इससे मसूरी की भोड़ और यातायात की वास्तविक (रिवल टाइम) जानकारी मिलेगी। मसूरी आने वाले पर्यटकों का पंजीकरण शुरू हो गया है। प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार शुरुआती दो दिन (30 व 31 जुलाई) यह परीक्षण के तौर पर किया गया। पंजीकरण के आंकड़े लाइव होंगे, जिससे पुलिस व प्रशासन को भीड़ व यातायात नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा मसूरी के सभी प्रवेश द्वार पर आटोमैटिक नंवर प्लेट रिकगनीशन कैमरे (एएनपीआर) लगाए गए और चेक प्वाइंट बने हैं।

मसूरी में हर साल 20 लाख से अधिक पर्यटक आते है। खासतौर पर पर्यटन सीजन में पर्यटकों की भारी भीड़ आती है। जिसे नियंत्रित करने में पुलिस और प्रशासन के भी पसीने छूट जाते हैं। मसूरी में सबसे अधिक समस्या वाहनों की पार्किंग के लिए होती है। इन सब को देखते हुए पिछले दिनों एनजीटी ने यूटीडोबी को मसूरी में पंजीकरण व्यवस्था शुरू करने के दिशा-निर्देश दिए थे। ताकि मसूरी की भीड़ व यातायात का पूर्वानुमान लगाया जा सके। साथ ही यहां क्षमता के अनुसार पर्यटक दाखिल हो। जिसके बाद यूटीडीबी ने मसूरी आने वाले पर्यटकों के लिए पंजीकरण पोर्टल तैयार किया।

पंजीकरण में भरनी होगी यह जानकारी-

  • ओटीपी संग लागइन
  • पर्यटक का नाम
  • मोबाइल नंबर
  • पता
  • परिवहन का माध्यम
  • वाहन संख्या
  • मूसरी के ठहराव स्थलकी जानकारी
  • टूर की अवधि
  • पर्यटकों की संख्या

इस पोर्टल पर होगा पंजीकरण utdb-v2.ethicstechnology.net पर्यटकों के प्रवाह को व्यवस्थित करने और पंजीकरण का सत्यापन करने के लिए मसूरी के मुख्य प्रवेश मागों पर तीन चेक प्वाइंट्स स्थापित होंगे। यह किमाही, केम्पटी फाल और कुठाल गेट पर बनेंगे। यहीं पर पर्यटकों को अपना आनलाइन क्यूआर कोड प्रवेश पास दिखाकर उसका सत्यापन कराना होगा और यहीं एएनपीआर कैमरे भी लगेगे।

आनलाइन पंजीकरण पोर्टल ओटीपी आधारित होगा। इसमें पंजीकरण करने के वाद भारतीय पर्यटकों के मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा और उसके अंक को पोर्टल में प्रस्तुत करना होगा। जबकि विदेशी पर्यटकों को यही ओटीपी ई-मेल पर प्राप्त होगा और उन्हें भी पोर्टल में इसे प्रस्तुत करना हेगा। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद पर्यटकों को आनलाइन माध्यम से क्यूआर कोड आधारित प्रदेश पास मिलेगा।

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