Donald Trump: ट्रंप ने फिर दोहराया सीजफायर का राग, बोले- भारत ने मेरे कहने पर रोकी PAK से जंग

Donald Trump: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विपक्ष के हर एक सवाल पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि पाकिस्तान के साथ सीजफायर का फैसला किसी भी देश के दवाब में आकर नहीं किया गया था। पीएम मोदी ने विपक्षी सांसदों को सदन में बताया कि पाकिस्तान के DGMO का फोन आया और युद्ध रोकने के लिए गिड़गिड़ाने लगे, इसके बाद सीजफायर हुआ। मगर पीएम मोदी के भाषण के कुछ ही घंटों बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान युद्ध रोकने का क्रेडिट खुद को दिया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने का क्रेडिट खुद को दिया है। ट्रंप ने पुराना राग अलापते हुए कहा कि भारत मेरा अच्छा दोस्ता है और व्यापार को एक दबाव वाले हथियार की तरह इस्तेमाल करते हुए इस जंग को अमेरिका ने रुकवाया था। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब ट्रंप ने यह लाइन दोहराया हो। कई मौकों पर वो सीजफायर की क्रेडिट खुद को दे चुके हैं।

भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर ट्रंप ने कहा, भारत मेरा मित्र है। उन्होंने मेरे अनुरोध पर पाकिस्तान के साथ युद्ध समाप्त कर दिया। भारत के साथ ट्रेड डील अभी संपन्न नहीं हुई है। भारत एक अच्छा मित्र रहा है, लेकिन भारत ने मूल रूप से लगभग किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक टैरिफ वसूले हैं और अब भारत 20-25% के बीच उच्च टैरिफ चुकाने वाला है।

डोनाल्ड ट्रंप पहले भी दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया है। हालांकि, भारत सरकार की ओर से हर बार उनके दावे को सिरे से खारिज किया गया है। मंगलवार को भी लोकसभा में ऑपरेसन सिंदूर पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने साफ-साफ कहा था कि राजनाथ ने जो कहा था, डंके की चोट पर दोबारा दोहराता हूं, हमने पाकिस्तान के डीजीएम को फोन कर यह जानकारी दी थी। पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के डीजीएमओ का फोन आया कि अब और मार खाने की ताकत नहीं है। बहुत मारा। प्लीज, हमला रोक दीजिए। इसके बाद सीजफायर हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा, “दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से अपना ऑपरेशन रोकने को नहीं कहा। 9 मई की रात को अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने मुझसे बात करने की कोशिश की। उन्होंने एक घंटे तक कोशिश की, लेकिन मैं अपनी सेना के साथ बैठक में था, इसलिए मैं उनका फोन नहीं उठा सका। बाद में मैंने उन्हें वापस कॉल किया। अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने मुझे फोन पर बताया कि पाकिस्तान एक बड़ा हमला करने वाला है। मेरा जवाब था कि अगर पाकिस्तान की यही मंशा है तो उसे बहुत नुकसान होगा। अगर पाकिस्तान हमला करता है, तो हम बड़ा हमला करके जवाब देंगे। यही मेरा जवाब था…”

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