IndiGo: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो आने वाले सालों में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का विस्तार करेगी और 2030 तक अपनी अंतरराष्ट्रीय क्षमता को 28 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य रख रही है।
कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 में बताया कि नए A321 XLR विमान और लीज पर लिए गए वाइड-बॉडी एयरक्राफ्ट से ये विस्तार संभव होगा।
इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने रिपोर्ट में कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक गंतव्य जोड़ते रहेंगे, खासकर जब हमारे बेड़े में XLR विमान और लीज पर लिए गए बड़े विमान शामिल हो रहे हैं। हमारा लक्ष्य 2030 तक अंतरराष्ट्रीय क्षमता को 40% तक बढ़ाना है।”
इंडिगो की घरेलू बाजार में 64.5 फीसदी हिस्सेदारी है और ये प्रतिदिन 2,200 से अधिक उड़ानें संचालित करती है, जिनमें 430 से ज्यादा विमान शामिल हैं। एयरलाइन पिछले 18 सालों से परिचालन में है।
हाल ही में इंडिगो ने मैनचेस्टर और एम्सटर्डम के लिए उड़ानें शुरू की हैं, जो नॉर्वे की नॉर्स अटलांटिक एयरलाइन से लीज पर लिए गए बोइंग 787 ड्रीमलाइनर से संचालित की जा रही हैं।
कंपनी को उम्मीद है कि A321 XLR विमान 2025-26 तक और एयरबस A350-900 वाइड-बॉडी विमान 2027 तक उसके बेड़े में शामिल हो जाएंगे। एयरलाइन ने यह भी कहा है कि वो एमआरओ (मेंटेनेन्स, रिपेयर एंड ओवरहॉल) क्षेत्र में नए मौकों की तलाश कर रही है। बेंगलुरू में एक नया एमआरओ केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडिगो का भविष्य उज्ज्वल नजर आ रहा है और यात्री मांग भी अच्छी बनी हुई है। हालांकि, ईंधन कीमतों में उतार-चढ़ाव और विमानों की ग्राउंडिंग जैसे कुछ चुनौतियां भी बनी हुई हैं।
इंडिगो इन चुनौतियों से निपटने के लिए बेड़े में विविधता, लीजिंग रणनीतियों, और ओईएम के साथ रणनीतिक समझौतों के जरिए काम कर रही है।