Kanwar Yatra: सावन के महीने में कांवड़ यात्रा शुरू होने के बाद से हज़ारों श्रद्धालु रोजाना दिल्ली से होकर उत्तराखंड के पवित्र शहर हरिद्वार आते-जाते हैं।
अधिकारियों ने कांवड़ियों की मदद के लिए उनके आने जाने वाले रास्तों में बैरिकेडिंग की है और उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले रास्तों से यातायात को डायवर्ट करने सहित कई तरह की व्यवस्थाएं की हैं।
कई कांवड़िये हरिद्वार में गंगा से पवित्र जल पैदल ले जा रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने खासतौर से सुसज्जित वाहनों में यात्रा करना चुना है। कांवड़ियों में कई महिलाएं भी हैं, जो हरिद्वार तक की यात्रा करके आई हैं और अपने गृहनगर वापस जा रही हैं।
तीर्थयात्रा मार्ग पर कई सामाजिक संगठनों ने कांवड़ियों की सुविधा के लिए शिविर लगाए हैं। शिविरों में उन्हें मुफ्त भोजन परोसा जाता है, कांवड़ यात्रा हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार सावन के महीने में की जाने वाली सालाना तीर्थयात्रा है।
भक्तगण पावन गंगा से जल लेकर अपने गृहनगर आते हैं और वहां पर भगवान शिव के मंदिर में जलाभिषेक करते हैं। महिला कांवड़िया सिमरन ने बताया कि “भोले बाबा की कृपा से चल रहे हैं, जितनी हिम्मत है, उतनी तो कर रही रहे हैं।
मनोज, प्रबंधक, सीलमपुर कंवर समिति “सभी सुविधाएं होती हैं, सिक्योरिटी से लेकर हर सुविधा उत्तम रहती है। खाने में अलग-अलग तरह के व्यंजन रखे जाते हैं। जैसे पूड़ी सब्जी तो बनती है कंटिन्यू। कभी पनीर, कभी राजमा छोले ये सब का प्रबंध रहता है।”