Kanwar camp: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गोकुलपुरी के शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की और घोंडा स्थित कांवड़ शिविर का भी दौरा किया।
दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए महाकुंभ की तरह कांवड़ यात्रा के लिए 17 स्वागत द्वार बनाए हैं।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा, “हर कांवड़ कैंप की व्यवस्थाएं, हमारी टीम ने चेक की हैं। हमारे अधिकारियों, हमारे मंत्रीगणों ने चेक की हैं। विधायक वहां पहुंच रहे हैं।, सारी व्यवस्थाएं बड़ी दुरुस्त हैं। मुझे बड़ी खुशी है कि बहुत ही टाइम बाउंड तरीके से न केवल परमिशन दी गईं बल्कि सारी व्यवस्थाएं की गईं और यहां तक की पहली किश्त पेमेंट की, दो किश्तों में हमने पूरी पेमेंट को डिवाइड किया था। 50 प्रतिशत पहले और प्रतिशत बाद में। हमने 50 प्रतिशत की पेमेंट भी अपनी इन सभी कांवड़ कैंपो को दे दी। लोग बहुत खुश हैं।”
इस वर्ष 374 शिविर लगाए गए हैं, जो पिछले वर्ष लगाए गए 170 शिविरों से दोगुने से भी ज़्यादा हैं। कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू हुई और 23 जुलाई को समाप्त होगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि “हर कांवड़ कैंप की व्यवस्थाएं। हमारी टीम ने चेक की हैं। हमारे अधिकारियों, हमारे मंत्रीगणों ने चेक की हैं। विधायक वहां पहुंच रहे हैं। सारी व्यवस्थाएं बड़ी दुरुस्त हैं। मुझे बड़ी खुशी है कि बहुत ही टाइम बाउंड तरीके से न केवल परमिशन दी गईं बल्कि सारी व्यवस्थाएं की गईं और यहां तक की पहली किश्त पेमेंट की, दो किश्तों में हमने पूरी पेमेंट को डिवाइड किया था। 50 प्रतिशत पहले और प्रतिशत बाद में। हमने 50 प्रतिशत की पेमेंट भी अपनी इन सभी कांवड़ कैंपो को दे दी। लोग बहुत खुश हैं।”
इसके साथ ही सोशल मीडिया के जरिए कहा कि “आज घोंडा विधानसभा में नवनिर्मित ‘चौपाल’ का लोकार्पण कर, एक नई जनसंवाद परंपरा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सांसद मनोज तिवारी जी, कैबिनेट मंत्री श्री कपिल मिश्रा जी, भाजपा परिवार के वरिष्ठ पदाधिकारीगण, जनप्रतिनिधिगण तथा बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। दिल्ली जैसे महानगर में चौपाल की स्थापना यह सिद्ध करती है कि हम आधुनिकता की दौड़ में भी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहना जानते हैं।
विधायक अजय महावर जी ने इसे साकार कर जनविश्वास, जनप्रतिनिधित्व और जनसेवा का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। हमारी सरकार शीघ्र ही दिल्ली के अन्य हिस्सों में भी ऐसी चौपालों का निर्माण कराने जा रही है, ताकि शासन और जनता के बीच सीधा, सशक्त और संवेदनशील संवाद स्थापित हो सके।”