Patna: बिहार के जाने-माने व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या के सिलसिले में पटना पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है, डीजीपी (कानून-व्यवस्था) विनय कुमार ने बताया कि उनसे पूछताछ चल रही है।
पुलिस पिछले साल गोपाल खेमका की सुरक्षा वापस लिए जाने के पीछे के कारणों की जांच कर रही है, 2018 में बेटे की हत्या के बाद गोपाल खेमका को सुरक्षा गार्ड मुहैया कराया गया था। उन्हें छह साल तक पुलिस सुरक्षा मिली हुई थी। अप्रैल 2024 में इसे वापस ले लिया गया था।
डीजीपी ने कहा, “हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या उन्होंने खुद सुरक्षा वापस लेने के लिए कोई बयान दिया था। लेकिन हमें पिछले छह साल से उन्हें मिली सुरक्षा वापस लेने का कोई कारण नहीं दिखता।”
उन्होंने कहा कि अगर कानून व्यवस्था में कोई लापरवाही हुई तो हम अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अधिकारी ने कहा कि आगे की जांच जारी है और हत्यारे को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
पुलिस ने शनिवार को बताया कि गोपाल खेमका की पटना में उनके घर के बाहर बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इससे सात साल पहले हाजीपुर में उनके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पुलिस ने बताया कि घटना शुक्रवार रात करीब 11.40 बजे गांधी मैदान इलाके में खेमका के घर के गेट के पास हुई, जब वो अपनी कार से उतरने वाले थे। घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में कानून-व्यवस्था की समीक्षा के लिए बैठक की, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द जांच पूरी करने का निर्देश दिया।
बताया जाता है कि गोपाल खेमका बीजेपी से जुड़े थे। व्यवसायी की हत्या की चल रही जांच की निगरानी के लिए अधिकारियों और मध्य जिला पुलिस के अधिकारियों वाली एक एसआईटी का गठन किया गया है।
पुलिस ने कहा कि हत्या के पीछे पुरानी रंजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पुलिस को मामले में कुछ अहम सुराग मिले हैं।
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