BRICS SUMMIT: 17वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन रविवार को ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो में शुरू हो रहा है। सम्मेलन में मेजबान देश के अलावा रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथोपिया और ईरान भाग लेंगे। इंडोनेशिया नए सदस्य देश के रूप में शामिल होगा।
2025 शिखर सम्मेलन का विषय “अधिक समावेशी और सतत शासन के लिए वैश्विक दक्षिण सहयोग को मजबूत करना” है। शिखर सम्मेलन में प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाग लेंगे। सम्मेलन में सुरक्षा, रक्षा, व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग गहरा करने के तरीकों पर विचार किया जाएगा।
पूर्व ब्रिक्स शेरपा संजय भट्टाचार्या ने कहा कि “ब्राजील ने विमानन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। जैसा आप जानते हैं एम्ब्रेयर ब्राजील का एक प्रमुख उत्पाद है। विमानन के क्षेत्र में भी सहयोग की संभावना है। अंतरिक्ष क्षेत्र की विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भी हमारा व्यापक सहयोग है।” शिखर सम्मेलन में वैश्विक शासन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जलवायु परिवर्तन से जुड़ी योजनाओं का वित्त और सामाजिक समस्याएं दूर करने पर साझेदारी जैसे मुद्दों पर विचार होने की उम्मीद है।
“जलवायु परिवर्तन पर विचार करें, जो खास कर इस साल का महत्वपूर्ण पहलू है। इस साल नवंबर में रियो सीओपी की अगली बैठक की मेजबानी कर रहा है। उम्मीद करते हैं कि हमें जलवायु परिवर्तन, जलवायु वित्तपोषण, हरित ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग मिलेगा। भारत और ब्राजील दोनों ने इथेनॉल के उत्पादन और कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए उसे हाइड्रोकार्बन के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हम दूसरों के साथ भी सहयोग कर रहे हैं। हाइड्रोजन ईंधन के क्षेत्र में तीसरे पक्ष के साथ सहयोग की उम्मीद है। हो सकता है कि ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन भी सहयोग का क्षेत्र हो।”
“हम पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों के हमारे नागरिकों पर हमलों को काफी गंभीरता से लेते हैं। हमने साफ कर दिया है कि इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसकी कीमत आतंकवादियों को भी चुकानी पड़ेगी। साथ ही उन्हें प्रायोजित करने वालों को भी। इस मामले में पाकिस्तान सरकार और खास कर पाकिस्तानी सेना है। ब्रिक्स में लंबे समय से इसपर चर्चा होती रही है। आतंकवाद का मुकाबला भागीदारों के बीच सहयोग का प्रमुख विषय है। हम उम्मीद करते हैं कि आतंकवाद और इससे होने वाले खतरे के बारे में ब्रिक्स देश अपनी चिंताओं से अवगत कराएंगे।”
सालाना शिखर सम्मेलन के घोषणापत्र में ब्रिक्स नेता पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करेंगे। भारत की अपेक्षाओं के मुताबिक आतंकवाद का एकजुट होकर सामना करने की रणनीति अपनाने का आह्वान किया जाएगा।
ब्रिक्स में दुनिया की 11 प्रमुख उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। वैश्विक आबादी में इनकी हिस्सेदारी करीब साढ़े उनचास फीसदी है। ये वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का करीब 40 फीसदी और वैश्विक व्यापार का लगभग 26 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करती हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे, शिखर सम्मेलन में उनके बजाय चीन के प्रधानमंत्री और शी के भरोसेमंद ली कियांग और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव हिस्सा लेंगे।