Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार हिंदी पर फैसला वापस लेकर मराठी मानुष के आगे हार गई- उद्धव ठाकरे

Maharashtra:  शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने ‘मराठी मानुष’ की शक्ति के आगे हार मान ली है क्योंकि उसने राज्य के विद्यालयों में पहली से पांचवी तक की कक्षाओं में तीन भाषा नीति के तहत हिंदी के कार्यान्वयन पर जारी दो जीआर (सरकारी प्रस्ताव) वापस ले लिए हैं।

ठाकरे ने आरोप लगाया कि देवेंद्र फडणवीस सरकार मराठी मानुष की एकता को तोड़ने और मराठी और गैर-मराठियों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार मराठी मानुष की ताकत से हार गई। सरकार को ये अहसास नहीं था कि मराठी मानुष इस तरह एकजुट हो जाएगा।’’ शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद संजय राउत ने घोषणा की थी कि पांच जुलाई को मराठी आरक्षण आंदोलन के विरोध में आयोजित रैली रद्द कर दी गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा फैसला वापस लिये जाने के बाद कहा कि अब ये आयोजन मराठी एकता की सफलता का जश्न मनाने के लिए एक विजय जुलूस होगा, ठाकरे ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को झूठ की फैक्टरी भी करार दिया।

शिवसेना (उद्धव गुट) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बताया कि “हिंदी थोपने को लेकर राज्य भर में विरोध प्रदर्शन हुए। शिव सेना ने विरोध किया, मराठी लोगों ने विरोध किया और हमने जीआर का विरोध किया, जिसे बीजेपी सरकार ने जारी किया। मैंने खुद विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। हिंदी थोपने के खिलाफ एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया गया और मुझे बहुत गर्व है कि सरकार मराठी माणूस की ताकत से हार गई। सरकार को एहसास नहीं था कि मराठी माणूस इस तरह से एकजुट हो जाएंगे। इससे एक बार फिर साबित हो गया है कि अगर मराठी लोग एकजुट हो जाएं, तो उनकी ताकत सरकार की ताकत को हरा सकती है।”

 

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