Indore: देश में ‘जीनोम एडिटिंग’ से बढ़ाएंगे सोयाबीन की पैदावार- मंत्री शिवराज सिंह चौहान

 Indore: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार ‘जीनोम एडिटिंग’ की मदद से सोयाबीन की उन्नत किस्में विकसित करके इस तिलहन फसल की पैदावार बढ़ाएगी। उन्होंने देश में सोयाबीन की उत्पादकता ‘स्थिर’ हो जाने का जिक्र करते हुए ये बात कही। चौहान ने इंदौर के राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान में इस तिलहन फसल की उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित कार्यक्रम में हितधारकों से बात की।

इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘‘हमारे देश में सोयाबीन की उत्पादकता स्थिर हो गई है, जबकि दुनिया के कई देशों में इस तिलहन फसल की उत्पादकता हमसे ज्यादा है।’’ कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘हम ब्राजील जैसे देशों की तरह सोयाबीन के जीन संवर्धित (जीएम) बीजों का इस्तेमाल नहीं करते, लेकिन हम जीनोम एडिटिंग जैसी पद्धति का इस्तेमाल करके ज्यादा पैदावार देने वाली उन्नत किस्में विकसित करेंगे।’’

फसलों में ‘जीनोम एडिटिंग’ ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल पौधों के जीनोम में खास डीएनए अनुक्रमों को बदलने के लिए किया जाता है। इससे फसलों में वांछित गुण डाले जा सकते हैं। चौहान ने कहा कि देश में सोयाबीन की उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही इसकी खेती की लागत घटाने की भी जरुरत है। उन्होंने कहा कि सोयाबीन उत्पादक किसानों की जरुरतों के मुताबिक अनुसंधान परियोजनाओं को आकार दिया जाएगा और खेती की तकनीकों में बदलाव किया जाएगा।

चौहान ने कहा, ‘‘सोयाबीन प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत है, हम देश में सोयाबीन के गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के निर्माण के साथ ही सोया खली के निर्यात को बढ़ावा देंगे।’’

देश में पाम तेल के बड़े पैमाने पर आयात को नियंत्रित करने के उपायों के बारे में पूछे जाने पर कृषि मंत्री ने कहा,‘‘सरकार इस विषय में समय-समय पर संतुलन बनाती है। हमें अपनी घरेलू जरूरतें पूरी करने के लिए पिछले कई सालों से खाद्य तेलों का आयात करना पड़ रहा है। हालांकि, हम अपनी आयात-निर्यात नीति के जरिये सुनिश्चित कर रहे हैं कि घरेलू किसानों और उपभोक्ताओं, दोनों के हित सुरक्षित रहें।’’

मौजूदा समय में भारत अपनी खाद्य तेल जरूरतों का 60 प्रतिशत से अधिक आयात करता है, सस्ते खाद्य तेलों के आयात से घरेलू किसानों को सोयाबीन के कम भाव मिलने पर कृषि मंत्री ने कहा कि इस तिलहन फसल की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सुनिश्चित की जाएगी। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सत्र 2025-26 के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,328 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। ये पिछले विपणन सत्र के 4,892 रुपये प्रति क्विंटल के सोयाबीन के एमएसपी के मुकाबले 436 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “सोयाबीन के मामले में, सोयाबीन की उत्पादकता स्थिर है हमारे यहां, बढ़ नहीं रही, जबकि दुनिया के कई देशों में सोयाबीन की उत्पादकता हमसे ज्यादा है। एक अलग बात है कि जीएम सीड्स का इस्तेमाल हम नहीं करते, ब्राजील वगैरह जीएम जेनेटिक मोडिफाइड्स सीड्स का इस्तेमाल भी करते हैं। हमारी मर्यादाएं हैं भारत की सोच के हिसाब से। बावजूद इसके उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है सोयाबीन में भी है। लागत घटाने की भी जरूरत है।”

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