Bahraich: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले का ये वो इलाका है, जहां थारू जनजातियों के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। विकास की दौड़ में कभी पीछे छूट चुके थारू आदिवासियों को मुख्यधारा में लाने के लिये उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मिशन मोड पर काम किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “करीब 54-55 गांव हैं, जहां हजारों लोग रहते हैं, जब तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं बनी थी, तब तक उन्हें कोई अधिकार नहीं मिला था। 2017 में हमारी सरकार बनने के बाद हमने उनके हित में काम करना शुरू किया।”
प्रदेश के अलग-अलग जिलों के वन्य क्षेत्रों में रहने वाले थारू जनजाति के लोगों तक आज सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है। समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा कि “स्वावलंबन के लिए हमने योजनाएं चलाई हैं। जिससे महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से या अन्यथा भी सीएम युवा जैसी योजनाओं से लोग लाभ ले रहे हैं।
अपने बिजनेस सेटअप कर रहे हैं। कोई डेयरी खोल रहा है। कोई कुछ प्रोडक्शन में लग रहा है। कई लोग कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का काम कर रहे हैं और तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।”
थारू जनजातियों की आय का मुख्य स्रोत कृषि है। खेती के लिए सरकार की योजनाओं का इन्हें लाभ मिला और अब यह पारंपरिक तरीके छोड़कर आधुनिक खेती कर रहे हैं, जिससे पैदावार भी बढ़ रही है और आर्थिक समृद्धि भी आ रही है।
स्वास्थ्य की दिशा में थारू इलाके में बेहतर काम हुआ है, इलाज के लिए गांव से दूर ना जाना पड़े इसके लिए गांव में स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा मिल रही है। सरकारी राशन की दुकान पर इन्हें सस्ते दर पर अनाज मिल जाता है। थारू आदिवासियों के बच्चों को अब पढ़ाई के लिए भी दूर नहीं जाना पड़ता है। यानी स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक समृद्धि सबका लाभ अब इन्हें इनके ही इलाके में मिल रहा है।
समाज कल्याण अधिकारी श्रद्धा पांडेय ने कहा कि “थारू जनजाति के लिए यहां पर केंद्र सरकार के द्वारा धरती आभा प्रोग्राम लॉन्च किया गया है जिसमें सभी सरकारी योजनाओं से इन गांवों को लाभान्वित किया जाना है। इसमें पिछले 6 महीने से निरंतर काम किए जा रहे हैं। यहां के लिए इंटर कॉलेज इन तीनों योजनाओं पर आंकड़न प्राप्त हो गए हैं और जल्द ही इस पर काम किया जाएगा।”
अगर, बहराइच जिले की बात करें तो कभी मिट्टी और फूस से बने कच्चे मकान में रहने वाले थारू लोगों को आज सीधे तौर पर पीएम आवास ग्रामीण योजना का लाभ मिल रहा है। बहराइच में अब तक 820 लाभार्थियों के मकान मंजूर हो चुके हैं।
तो वहीं दूसरी तरफ वृद्धा पेंशन योजना, दिव्यांग पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना जैसे जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी अब इन तक आसानी से पहुंच रहा है। एक वक्त था जब ये आदिवासी समाज पूरी तरह से मुख्यधारा से दूर था, लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की पहल और विकास की योजनाओं से इन्हें काफी लाभ मिला, अब वह पूरी तरह से आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बन रहे हैं।