Railway: तत्काल कोटे के रेलवे टिकटों को रोकने वाले दलालों पर लगाम लगाने के लिए भारतीय रेलवे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों बुकिंग के लिए केवाईसी यानी अपने ग्राहक को जानो प्रमाणीकरण शुरू कर रहा है।
बदले हुए नियम के तहत एक जुलाई से तत्काल टिकट सिर्फ केवाईसी सत्यापित आईआरसीटीसी उपयोगकर्ता खातों के जरिए ही बुक किए जा सकेंगे। काउंटर बुकिंग के लिए यात्रियों को टिकट खरीदते वक्त आधार, पासपोर्ट या पैन कार्ड जैसी वैध पहचान पेश करना जरूरी होगा।
तत्काल कोटा बुकिंग विंडो यात्री ट्रेन की तय रवानगी से 24 घंटे पहले खुलती है, इस सुविधा का मकसद अनियोजित या आपातकालीन यात्रा करने वाले यात्रियों को अतिरिक्त शुल्क के साथ टिकट बुकिंग की सुविधा देना है।
हालांकि इस सिस्टम का अक्सर गलत इस्तेमाल किया जाता है और दलाल बुकिंग शुरू होने के कुछ ही सेकेंड के भीतर ज्यादातर टिकट हासिल कर लेते हैं। रेल यात्रियों को अब उम्मीद है कि केवाईसी प्रमाणीकरण की शुरुआत से पारदर्शिता आएगी और ये सुनिश्चित होगा कि तत्काल टिकट सही और जरूरतमंद यात्रियों को ही मिले।
कुछ ट्रैवल ऑपरेटर रेलवे अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके अवैध रूप से तत्काल टिकट बुक करते हैं, इन टिकटों की काला बाजारी होती है और इन्हें तय कीमत से लगभग दोगुनी कीमत पर बेच दिया जाता है। सरकार को उम्मीद है कि केवाईसी प्रमाणीकरण की शुरुआत से इस तरह की गड़बड़ियों पर रोक लगेगी और तत्काल बुकिंग के जरिए टिकट सही लोगों तक पहुंच पाएगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि “बहुत सारे डाउट हैं। बहुत सारे अनएथिकल लोग हैं। जो की बॉट्स का इस्तेमाल कर के तत्काल के टिकट को ब्लॉक कर लेते हैं। एक-दो मिनट के अंदर-अंदर तभी तत्काल के टिकट ले लेते थे। उसका भी समाधान किया गया। एक जुलाई से जो ऑथेंटिकेटेड हैं, जिनका केवाईसी हुआ है। ऐसे ही लोगों को ऐसे ही पैसेंजर्स को ऑनलाइन सर्विसिस के माध्यम से टिकट लेने की सुविधा मिलेगी तत्काल की और जो विंडो पर आएंगे कोई ना कोई अपना आइडेंटिटी दिखाएंगे तभी उनको टिकट मिलेगा।”
रेल यात्रियों का कहना है कि “तत्काल टिकट बुक करने के लिए जो आधार ऑथेंटिकेशन या केवाईसी वाला जो भी किया गया है। तो मेरे ख्याल से अच्छा होगा क्योंकि तत्काल वाले में हमने देखा है कि बहुत सारे जो वेंडर्स होते हैं या दुकान वाले होते हैं। उन्होंने बहुत सारे अपने लॉगिन कर रखे होते हैं और टिकट का जो है मतलब घपला होता है। जिससे की हम जैसों को नहीं मिल पाता है। तो मेरे ख्याल से ये जो फेक अकाउंट वगैराह से जो दिक्कत है वो सही हो जाएगा और तत्काल टिकट अगर हमें आसानी से मिल जाए तो ज्यादा बेटर होगा क्योंकि टिकट, रिजर्व टिकट लेना हो आपको अगर बनारस से दिल्ली आना है तो एक महीना का कोई टिकट अवेलेबल नहीं है रिजर्व्ड में। आप या तो तत्काल करें या वंदे भारत से आएं। जिसका दो-तीन दिन में टिकट अवेलेबल रहता है। तो ये दिक्कत रहता है टिकट को लेकर के।”
“सरकार ने यह कदम उठाया है तत्काल टिकट का आधार कार्ड द्वारा तो बहुत अच्छा है, इससे हमें बहुत आसानी होगी। पहले जो ये बाहर के एजेंट होते थे, ये पैसा ज्यादा लेते थे और परेशानी भी बहुत होती थी। तो ये हमारे लिए बहुत अच्छा कदम उठाया है। पहले दलाल वगैराह होते थे, वो उसका फायदा उठा लेते थे और हमें तत्काल टिकट नहीं मिल पाता था और वो दलाल पहले ही बुक कर लेते थे और इससे ये फायदा हुआ कि अगर आधार का मेंडेट्री हो जाएगा तो हम ओटीपी के थ्रू वन टाइम अपना बुकिंग कर पाएंगे।”