Railway: रेलवे सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए पश्चिम रेलवे ने ‘छोटा भीम’ के साथ मिलाया हाथ

Railway: रेलवे सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए पश्चिम रेलवे ने लोकप्रिय कार्टून ‘छोटा भीम’ के निर्माताओं के साथ हाथ मिलाया है, मुंबई के चर्चगेट में पश्चिमी रेलवे ने इसकी घोषणा की और एनीमेशन कार्टून कैरेक्ट के निर्माताओं के साथ प्रदर्शनी आयोजित की।

रेलवे की इस पहल का मकसद रेलवे सुरक्षा को बढ़ावा देना है। खासकर बच्चों औ र परिवारों के बीच, रेलवे की कोशिश है कि वह अपनी इस पहल के जरिए चलती ट्रेनों में चढ़ने या उतरने के जोखिमों के बारे में जागरूकता पैदा कर सके। यह सहयोग वेस्टर्न रेलवे के “वेव्स 2025” कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य रेलवे यात्रियों को सुरक्षित यात्रा के लिए प्रोत्साहित करना है।

पश्चिम रेलवे द्वारा डिजिटल और सोशल मीडिया, होर्डिंग्स और स्टेशन बैनर, रेडियो स्पॉट और एसएमएस जैसे कई प्लेटफॉर्मों पर अभियान चलाया जा रहा है। इस पहल के तहत चर्चगेट और इंदौर स्टेशनों पर प्रदर्शनी के कियोस्क स्थापित किए गए हैं और जल्द ही इनका दूसरे स्टेशनों पर विस्तार किया जाएगा।

पश्चिमी रेलवे के मुताबिक अभियान को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने खासकर बच्चों और परिवारों तक पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है, क्योंकि लोकप्रिय कार्टून ‘छोटा भीम’ का बच्चों से काफी जुड़ाव है। घर-घर में मशहूर भी है। पश्चिमी रेलवे सीपीआरओ विनीत अभिषेक ने कहा कि “जो लोकप्रिय एनीमेशन कार्टून कैरेक्टर है छोटा भीम का, जो जन-जन में लोकप्रिय है। वो बच्चे हों, चाहे वो बड़े हों सभी के बीच यह लोकप्रिय है। तो हमने ऐसा प्लान किया है कि जो छोटा भीम का ये एनीमेशन कैरेक्टर इसके द्वारा हम अपने यात्रियों तक पहुंचेंगे।

तो एक क्रिएटिव तरीका हुआ और हम इससे आशा करते हैं कि हमारे यात्रीगण जो हैं, वो जो हमारी मैसेजिंग है वो थोड़ा डिफरेंट लगेगा, वो थोड़ा अच्छा लगेगा, थोड़ा एंटरटेनिंग लगेगा। तो उनको जो है समझने में, याद रखने में, पालन करने में और याद रखने में और आसानी होगी।”

पश्चिमी रेलवे के सीपीआरओ विनीत अभिषेक ने बताया कि “यह बेसिकली एक इंटरैक्टिव एग्जीबिशन हैं। जहां आ सकते हैं। छोटे बच्चे, बड़े सभी आ सकते हैं। कुछ मैसेज हमने लिखकर रखे हैं, जैसे ट्रेसपासिंग का। इसके अलावा कुछ मैसेज जो डिजिटल स्क्रीन पर देख सकते हैं और कुछ मैसेज वो क्विज के माध्यम से एक इंटरैक्टिव प्रोसेस से वो समझ सकते हैं और ध्यान कर सकते हैं।

यह जो हमारा पूरा सिस्टम है एग्जीबिशन का, यह शिफ्ट होता रहेगा, एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन ताकि हर स्टेशन पर यात्री जो हैं, जो हम मैसेज उनको देना चाहते हैं वो उनको मिले और उनका वो पालन कर पाएं।”

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