Jammu-Kashmir: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में मशहूर बेताब घाटी सहित कई दूसरे पर्यटन स्थल फिर से खुल गए, उसके बाद पर्यटकों का उन जगहों पर पहुंचने का सिलसिला फिर से शुरू हो गया, जो पहलगाम हमले के बाद बीते दो महीनों से वीरान पड़ी थीं।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा कारणों से इन जगहों को बंद कर दिया गया था, उस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर सैलानी थे। पर्यटकों ने कहा कि वे सुरक्षा के लिए तैनात किेए गए पर्याप्त सुरक्षा बलों से सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
पर्यटकों का कहना है कि “सबसे पहली बात तो बहुत अच्छा लग रहा है और महसूस हो रहा है कि कुछ नहीं है, सेफ्टी है क्योंकि चारों तरफ हमारी आर्मी भी है और उन पर हमें भरोसा भी है, वो हमारी सेफ्टी के लिए यहां हैं और मैं पूरी हिंदुस्तान की आवाम को कहना चाहूंगा कि भरोसा करें, अपने आप पर, अपनी आर्मी पर और जो लोग डर की वजह से घर में हैं मैं उनसे कहना चाहूंगा कि होने वाली बात होती है तो कैसे भी हो जाती है, इसका मतलब ये नहीं है कि आप एक डर बैठा लें।”
“हम लोग अभी तीन दिन से पहलगाम में इंतजार कर रहे थे कि ये स्पॉट्स खुल जाएं, बेताब वैली खुल गया तो हमें बहुत अच्छा लगा, बहुत खुशी है और यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। इनके मेहमाननवाजी बहुत अच्छी है। पता चला कि बेताब वैली बंद है और बहुत सारे स्पॉट्स बंद हैं तो हम बहुत निराश हुए। लेकिन आज जब हम यहां पर आए, सुबह सुबह हम निकल रहे थे श्रीनगर के लिए तो होटल में पता चला कि आज बेताब वैली खुल गई है, तो हम बहुत उत्साहित हो गए और हमने यहां पर आकर बहुत एन्जॉय किया।”
स्थानीय लोगों ने भी पर्यटकों से पहलगाम की खूबसूरती को देखने के लिए यहां लौटने की अपील की है। टट्टू सवारी संचालक, जिनकी आजीविका आतंकी हमले के बाद सैलानियों के न आने से प्रभावित हुई थी। उन्होंने भी फिर पर्यटन स्थलों के फिर से खुलने का स्वागत किया है।
पहले चरण में कश्मीर घाटी में आठ पार्क फिर से खोले गए हैं, इसी तरह जम्मू क्षेत्र में भी आठ जगहों को फिर से खोला गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि “पिछले महीने में तो कुछ भी नहीं था ये पूरा बंद पड़ा हुआ था, आधे दुकानदार घर पर ही थे। एक दो दिन से दुकानदार आने लगे हैं रौनक बढ़ने लगी है और बेताब वैली आज खुल गई, जैसा कि आप देख रहे हो कि चहल पहल बहुत है ये परसों शाम से है।”
पर्यटन उद्योग और स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि इस कदम से जम्मू कश्मीर में पर्यटन को फिर से बढ़ावा मिलेगा, जिसे पहलगाम आतंकी हमले के बाद काफी नुकसान उठाना पड़ा था।