BSF: ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश की सेना का जोश हाई है, सीमा सुरक्षा बल के जवानों की नई वर्दी इस जोश में चार चांद लगाएगी। सीमा सुरक्षा बल के जवान अब नई वर्दी में दिखेंगे। ये वर्दी बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात जवानों के लिए है। वर्दी में ‘डिजिटल पैटर्न’ होगा। वर्दी में यह बदलाव ऐसे समय में किया गया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है।
बीएसएफ के डीआईजी योगेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि वर्दी भले ही नई हो, लेकिन दुश्मन से निपटने का जज्बा ‘पुराना’ ही है। नई वर्दी बीएसएफ की ऑपरेशनल दक्षता, जवानों की सुविधा, और सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण तकनीकी और सामरिक उन्नयन है। यह कदम आधुनिक सुरक्षा आवश्यकताओं और उभरते खतरों का जवाब है
बीएसएफ अब नई डिजिटल कैमोफ्लैज वर्दी में नजर आएगी, जिसका उद्देश्य है सीमापारियों के बीच बेहतर छुपने की क्षमता, गर्मी में राहत और आधुनिक बनावट।
डिजिटल पैटर्न
पिक्सेलेटेड (डिजिटल) कम्बैट पैटर्न, तीन रंगों में: 50% खाकी, 45% हरा, और 5% भूरा
यह कॉपी करना मुश्किल है, जिससे छद्म वर्दी के खतरे कम होंगे ।
कपड़े का मिश्रण
पुरानी वर्दी 50% कपास + 50% पॉलिएस्टर थी। नई में बदलकर 80% कपास, 19% पॉलिएस्टर, 1% स्पैन्डेक्स किया गया है—जिससे यह सांस लेने लायक, हल्की तथा लचीली बनी रहेगी
स्पैन्डेक्स इसकी इलास्टिसिटी बढ़ाता है।
स्थायित्व और गुणवत्ता
प्रिंट अब फाइबर की तह तक सिंथेटिक तरीके से डाला गया है—जिससे रंग फीका नहीं होगा और कपड़े जल्दी खराब नहीं होगा
एक साल से अधिक समय तक चलने वाले परीक्षणों और डिज़ाइन कार्य ने इस परिवर्तन को आकार दिया है, जिसमें नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) की भागीदारी रही ।
तैनाती और रोल‑आउट
सभी सीमावर्ती क्षेत्रों (पश्चिमी और पूर्वी), साथ ही आंतरिक सुरक्षा कार्यों में तैनात जवानों के लिए चरणबद्ध तरीके से वितरण शुरू हो चुका है
अगले 12 महीनों में पुरे बल में इसका विस्तार करने की योजना है ।
गुणवत्ता‑उन्नयन की रणनीति
यह वर्दी तेज उभरती खतरों (जैसे आतंकवादी जो सेना की वर्दी पहनते हैं) का मुकाबला करने में मद्द करेगी.
राजस्थान के रेतीले इलाकों में गर्मी में राहत और नमी से बचाव की क्षमता के लिए खास तौर पर डिजाइन की गई है.