Heatwave: इन दिनों पूरा उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में है, मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ी इलाकों तक में गर्मी बढ़ रही है। कई शहरों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा हो गया है, बस रात में ही थोड़ी राहत की उम्मीद की जा सकती है। लोगों का कहना है कि तेज गर्मी से परेशानियां बढ़ रही हैं।
मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली-एनसीआर के लिए भीषण गर्मी की चेतावनी जारी की है।
आईएमडी (दिल्ली) मौसम विज्ञानी डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि “राजस्थान के लिए आने वाले तीन दिनों के लिए रेड अलर्ट दिया है, उसका कारण ये है कि हम अनुमान लगा रहे हैं कि राजस्थान में जो तापमान है वो 47 डिग्री से ज्यादा रह सकता है। उसके साथ ही जो रात का तापमान भी ज्यादा रहने का अनुमान है। इसी तरह पंजाब-हरियाणा में भी कहीं न कहीं साउथ पंजाब, साउथ हरियाणा में तापमान 47 से ज्यादा रह सकता है। इसके देखते हुए हमारा पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के लिए तीन दिन का रेड अलर्ट है और एनसीआर दिल्ली की बात करें तो वहां आज और कल के लिए रेड अलर्ट है, परसों के लिए ऑरेंज अलर्ट है।”
दिल्ली के लोगों और पर्यटकों दोनों के लिए ही गर्मी असहनीय हो गई है, चिलचिलाती गर्मी में लोग राहत पाने के लिए छतरी का सहारा ले रहे हैं, तो कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम का लुत्फ भी उठा रहे हैं।
विक्रेताओं का कहना है कि व्यापार में गिरावट आई है, क्योंकि दोपहर की कड़ी धूप में मुश्किल से ही कोई ग्राहक आता है। हरियाणा के भिवानी के लोगों का कहना है कि मई के महीने में बारिश के कारण मौसम सुखद था, लेकिन जून में गर्मी बढ़ गई है। कई लोगों का कहना है कि वे चिंतित हैं कि अगर गर्मी कम नहीं हुई, तो इसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।
लोगों ने कहा कि “पिछले चार-पांच दिनों से देखा जाए तो बहुत ज्यादा गर्मी पड़ रही है और अब जो दिन में जैसे तापमान है, ऐसा लग रहा है कि अब बाहर नहीं निकला जाएगा, फिर भी जो जरूरी कामों के लिए हमें घरों से बाहर निकलना पड़ता है। इससे हमारे स्वास्थ्य पर भी फर्क रहेगा, वो भी खराब हो सकता है।”
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाने के साथ ही यह जिला भीषण गर्मी की चपेट में है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि “गर्मी का तापमान बहुत ही ज्यादा है, 43 पार हो चुका है और शहर में बहुत ही व्यापक स्थिति है, लोग गर्मी से बहुत व्याकुल हैं, परेशान हैं।”
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि वे हीटस्ट्रोक के मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। साथ ही उन्होंने लोगों को भी जरूरी सावधानियां बरतने की सलाह दी है। उमानाथ जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके राय ने बताया कि “हीट स्ट्रोक के लिए हमारे यहां हीट स्ट्रोक वार्ड 10 बेड का रिजर्व किया गया है। जिसमें एसी लगे हुए हैं और सारी दवाईयां वहां मौजूद हैं। सीधे सूरज के संपर्क में न आएं, पानी लेकर चलें और 12 से तीन के बीज में बाहर निकलने से बचें।”
गर्मी का आलम यह है कि पहाड़ी इलाकों में राहत मिलने की उम्मीद ना के बराबर है। शिमला और मनाली घूमने आए पर्यटकों का कहना है कि यहां भी मैदानी इलाकों जितनी ही गर्मी है। शिमला स्थित क्षेत्रीय मौसम विभाग ने तुरंत गर्मी से राहत देने की बात नहीं की, लेकिन बाद में इसकी उम्मीद की जा सकती है।
शिमला के मौसम विज्ञानी संदीप कुमार ने कहा कि “11 और 12 जून का जो तापमान है वह हल्का सा बढ़ सकता है, खास तौर पर मैदानी क्षेत्र में, तो उसके देखते हुए हमने पहले ही ऑरेंज कैटेगरी में हीटवेब का अलर्ट जारी किया हुआ है।” आईएमडी के अनुसार 14 जून के बाद तापमान में थोड़ी गिरावट आने की उम्मीद है। हल्की से मध्यम बारिश के साथ चिलचिलाती गर्मी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि तब तक उत्तर भारत के कई इलाके अलर्ट पर रहेंगे, क्योंकि अत्यधिक तापमान सेहत के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।