USA: अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बनकर बेहद भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं- अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला

USA: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की अपनी ऐतिहासिक यात्रा से पहले, भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन की तैयारियों को एक “अद्भुत यात्रा” बताया है और कहा कि इस बेहद महत्वपूर्ण परियोजना का हिस्सा होना उनके लिए सौभाग्य की बात है। भारतीय वायुसेना के 39 वर्षीय पायलट चालक दल के तीन अन्य सदस्यों के साथ स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्षयान से आईएसएस की यात्रा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

यह अंतरिक्षयान फाल्कन 9 रॉकेट के जरिये भारतीय समयानुसार शाम पांच बजकर 52 मिनट पर फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरेगा। एक्सिओम-4 मिशन के पायलट शुक्ला के अलावा चालक दल के अन्य सदस्यों में पोलैंड से स्लावोस्ज उजनांस्की-विस्नीवस्की, हंगरी से टिबोर कापू और अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन शामिल हैं। इस प्रक्षेपण के साथ ही शुक्ला लगभग चार दशक बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे। राकेश शर्मा ने 1984 में रूस के सोयूज अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष की यात्रा की थी।

लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला ने प्रक्षेपण से पहले ‘एक्सिओम स्पेस’ द्वारा जारी एक वीडियो में कहा, “यह एक अद्भुत यात्रा रही है, ये ऐसे क्षण हैं, जो वास्तव में आपको एहसास कराते हैं कि आप किसी ऐसी चीज का हिस्सा बन रहे हैं, जो आपसे कहीं बड़ी है। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि इसका हिस्सा बनकर मैं कितना भाग्यशाली हूं।”

शुभांशु शुक्ला को प्यार से “शक्स” के नाम से जाना जाता है। टिबोर कापू ने कहा, “शक्स (शुक्ला) की बुद्धिमत्ता और उनके पास मौजूद ज्ञान से पता चलता है कि उनकी उम्र 130 साल हो सकती है।”

व्हिटसन, एक अनुभवी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष में 675 दिन बिताए हैं और 10 अंतरिक्ष चहलकदमी की है। व्हिटसन ने कहा, “मेरे लिए, ड्रैगन कैप्सूल में उन्हें पायलट के रूप में रखना बहुत अच्छी बात है। वह पहले से ही परिचालन के मामले में बहुत कुशल हैं और जब अंतरिक्ष यान प्रौद्योगिकियों की बात आती है, तो वह बहुत ही कुशल हैं।”

स्लावोस्ज ने कहा कि शुभांशु शुक्ला अपने दृष्टिकोण को लेकर बहुत केन्द्रित हैं और परिस्थितियों पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हैं। पोलिश अंतरिक्ष यात्री ने कहा, “वह बहुत केंद्रित हैं।वह रिकॉर्ड समय में एक, दो, तीन, चार कदम आगे बढ़ जाते हैं। मुझे तो यह भी नहीं पता कि वह इतनी तेजी से वहां कैसे पहुंच जाते हैं।”

शुक्ला ने अपने साथियों की प्रशंसा की और उन्हें एक “शानदार” दल बताया तथा कहा कि वे “जीवनभर उनके मित्र” रहेंगे। उन्होंने कहा कि अपने आदर्श राकेश शर्मा की तरह वह भी अगली पीढ़ी को अंतरिक्ष विज्ञान को करियर के रूप में अपनाने और अंतरिक्ष यात्री बनने का प्रयास करने के लिए प्रेरित करना चाहेंगे।

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने कहा कि “मैं कहूंगा कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे जीवन भर उड़ान भरने का अवसर मिला, जो मेरे लिए एक स्वप्निल काम है और फिर अंतरिक्ष यात्री दल के लिए आवेदन करने का अवसर मिला, और अब यहां हूं। मैं जिस यात्रा पर हूं…वह मेरे लिए बहुत लंबी रही है। इसकी शुरुआत ऐसे हुई थी कि मुझे नहीं पता था कि यह आखिरकार इस रास्ते पर जाएगी।”

 

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