Haridwar: निर्जला एकादशी के मौके पर उत्तराखंड के हरिद्वार में हर की पौड़ी घाट पर गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस खास दिन श्रद्धालु कठोर उपवास रखते हैं। वे न तो कुछ खाते हैं और न ही पानी पीते हैं। मान्यता है कि निर्जला एकादशी पर पूजा-पाठ और अनुष्ठान से तन, मन और आत्मा शुद्ध होती है।
हिंदू कैलेंडर में 24 एकादशी होती हैं, इनमें से निर्जला एकादशी को सबसे ज्यादा शक्तिशाली और फलदायी माना जाता है। भीड़ को देखते हुए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं।
सीओ सिटी शिशुपाल सिंह नेगी ने कहा कि “निर्जला एकादशी स्नान के मौके पर सुरक्षा चाक चौबंद है। पूरे चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है हमारी बीडीएस, क्यूआरटी और लोकल पुलिस, पैरामिलिट्री र्फोस तैनात है। टोटल मेले को हमने हमारे द्वारा जो है दो सुपर जोन, ग्यारह जोन और सत्ताइस सेक्टरों मे विभक्त किया गया है,कल के अपेक्षा अभी मेले मे भीड़ कम है लेकिन संख्या बढ़ रही है।”
‘निर्जला’ का मतलब है ‘बिना पानी के’ जबकि एकादशी का मतलब ग्यारहवीं तिथि होता है, जो हिंदू पंचांग के मुताबिक हर महीने दो बार आती है, निर्जला एकादशी हिन्दू माह ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष में पड़ती है।
श्रद्धालुओ का कहना है कि “मतलब बहुत पुण्य मिलता है एकादशी का व्रत करेंगे तो और घर में सुख-शांति रहती है। पितरों को मोक्ष मिलता है। सब अच्छा रहता है और जरूर करना चाहिए। गंगा स्नान जरूर करना चाहिए।”
“बहुत पावन पर्व होता है। यूपी कानपुर से आए हैं नहाने के लिए और बहुत आध्यात्मिक महत्व है और अगर हर की पौड़ी पर स्नान मिल जाए तो क्या कहना है इसलिए आज यहां पर स्नान करने के लिए आए हुए हैं। काफी रौनक है और प्रशासन की व्यवस्था भी अच्छी है। पर्व के दिन नहाना शुभ होता है और आज ही के दिन मतलब नहाने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और यहां नहाके मुझे बहुत अच्छा लगा”