Lucknow: इलेक्ट्रिक व्हीकल पंजीकरण के मामले में उत्तर प्रदेश देश का नंबर एक प्रदेश बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में, यूपी इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल के मामले में सबसे आगे है। आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 4 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल पर्यावरणीय चुनौतियों का एक मजबूत समाधान बनकर उभरा है।
प्रदेश सरकार ने 2022 में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग और मोबिलिटी पॉलिसी शुरू की थी, जिसका मकसद ईवी को अपनाने में तेजी लाना, मजबूत चार्जिंग नेटवर्क तैयार करना और यूपी को ईवी व बैटरी मैन्युफैक्चरिंग का वैश्विक केंद्र बनाना है।
पर्यावरण को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक बसों और वाहनों को बढ़ावा दे रही है। सरकार की इन नीतियों का ही नतीजा है कि अब लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल की ओर आकर्षित हो रहे हैं। सरकार इलेक्ट्रिक कार पर एक लाख रुपये तक की सब्सिडी दे रही है, वहीं दुपहिया वाहनों पर भी कई आकर्षक छूट उपलब्ध हैं। अब लखनऊ के रहने वाले करनबीर सिंह को ही देख लीजिए, जिन्होंने इसके फायदे देखते हुए इलेक्ट्रिक कार खरीदने का फैसला किया।
पर्यावरण के लिहाज से बेहतर होने के साथ-साथ, इलेक्ट्रिक वाहन पॉकेट फ्रेंडली भी हैं। लखनऊ के ही रहने वाले हिमांशु भी पिछले एक साल से ईवी कार चला रहे हैं और डीज़ल-पेट्रोल की तुलना में अब उन्हें ईवी ज्यादा पसंद आ रही है। जगह-जगह चार्जिंग प्वाइंट होने से चार्जिंग की दिक्कत भी नहीं है।
हिमांशु और करनबीर जैसे कई अन्य लोग भी हैं जो इलेक्ट्रिक वाहनों से प्रभावित हैं। चार्जिंग जैसे बुनियादी ढांचे के विकास पर भी योगी सरकार ने खास ध्यान दिया है। हाल ही में प्रदेश के 16 नगर निकायों में 300 से ज्यादा नए चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का फैसला लिया गया है, इसी रफ्तार से यूपी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का नया हब बन रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “मेरा मानना है जैसे हमारे पेट्रोल पंप हैं, वैसे ही हर 15 किलोमीटर या 25 किलोमीटर की दूरी पर हम चार्जिंग स्टेशन स्थापित कराएं। अभी से योजना बनाएं, अभी से तैयारी करें और उसी दिशा में कार्य प्रारंभ करें। तभी इन व्यापक संभावनाओं को आगे बढ़ाया जा सकता है।”
ग्राहकों का कहना है कि “गवर्नमेंट बहुत अच्छा कर रही है, जैसे इसके ऊपर सब्सिडी भी है और पॉकेट फ्रेंडली है अपना, रोज का पेट्रोल का खर्चा बचेगा डेली का जो रन है उस हिसाब से बेस्ट है”
इसके साथ ही कुछ उपभोक्ताओ का कहना है कि “लोगों को बहुत फायदा है, लोगों को जहां महीने में 30,35, 40 हजार का तेल लगता था इसमें कोई एक पैसा नहीं लगता है फ्री है एकदम, कोई ज्यादा पॉल्यूशन भी नहीं हो रहा है जिस और ईवी में ये है कि यहां चाहे ईवी है उसमें स्पीड लिमिट भी तय है जिससे एक्सीडेंट के भी होने के चांसेज़ कम हैं।”