Ayodhya: अयोध्या में राम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दूसरे अनुष्ठान जारी

Ayodhya: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में राम दरबार समेत परकोटे के मंदिरों की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दूसरे दिन अनुष्ठान जारी हैं। तीन दिनों तक चलने वाले खास समारोह की शुरुआत मंगलवार को हुई थी।

आधिकारिक बयान के मुताबिक अनुष्ठानों में मंदिर के प्रथम तल पर स्थित राम दरबार और परिसर की दीवारों के भीतर स्थित छह दूसरे मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का समापन पांच जून को होगा। इसी दिन गंगा दशहरा भी है जिसे बहुत शुभ माना जाता है, तीन दिनों तक चलने वाले राम दरबार प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश भर से श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने का सिलसिला जारी है।

श्रद्धालु खुश हैं कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पूरा होने के साथ ही मंदिर में भगवान श्रीराम के परिवार और दूसरे देवताओं की मूर्तियों के साथ राम दरबार सज जाएगा। राम दरबार प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के पहले दिन यानी तीन जून के बाद दूसरे दिन भी सुबह साढ़े छह बजे से शाम साढ़े छह बजे तक मंत्रोच्चार के साथ अग्नि में आहुति दी जाएगी और भजनों के साथ कई अनुष्ठान होंगे।

भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और भगवान हनुमान की मूर्तियों के साथ-साथ छह और मंदिरों की मूर्तियों का मुख्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पांच जून को होगा।

राम दरबार प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले इसी साल 11 जनवरी को इसी तरह का तीन दिन का खास समारोह आयोजित किया गया, यह समारोह श्रीराम मंदिर की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की पहली वर्षगांठ के मौके पर हुआ था। पिछले साल 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्य मंदिर का उद्धाटन किया था। लाखों श्रद्धालु और मशहूर हस्तियां इस कार्यक्रम में पहुंचे थे।

राम दरबार के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं।

लक्ष्मण बडियार, गुजरात के पालमपुर से आए श्रद्धालु “यह अच्छी है, बहुत बढ़िया चीज है। ये होना ही चाहिए सनातन धर्म के लिए और मैं तो बोलूं इससे भी अच्छा-अच्छा हो जाए मंदिर। स्वर्ग जैसे हो जाए, हो तो गया स्वर्ग जैसा फिल्हाल। स्वर्ग में बाकी कुछ रहा नहीं है। तो अभी अच्छा है वो भगवान की दया से।

पुणे से आईं श्रद्धालु भाग्यश्री विनायक जोशी ने कहा कि “हमें इतना अच्छा दर्शन हो गया है राम लला का। इतने दिन वही उसने वनवास भोगा। तो हमको ऐसा लगा कि आज इतनी देर बाद उनको अपना घर मिला इसलिए हम इतना अच्छा, हमको फील हो रहा है कि उनको घर मिला और हमको हमारे दर्शन भी अच्छे हो गए। हमारे इतने सालों से कोई बिछड़ा हुआ आज मिला है ऐसा हो गया है हमकोे।”

“आज हमारा दर्शन था। यानी सुगम पथ से हम लोेगों ने दर्शन किया। ऐसा लगा थोड़ा और दो दिन बाद में आते तो वो भी दर्शन हो जाता। यानी राजा-महाराजा राम के दर्शन होते थे। राम और सीतामइया के दर्शन होते थे।”

इसके साथ ही साधुओ का कहना है कि “‘चलतल बिमान कोलाहल होई। जय रघुबीर कहें सब कोई।’ जिस तरह रामचरितमानस में आप जो राम दरबार देख रहे हैं, वो राम दरबार का प्राण प्रतिष्ठा काल होने वाला है। जिसमें तीन दिन से अनुष्ठान चल रहा है। मैं आपको बताना चाहता हूं राम दरबार का मतलब क्या होता है? राम दरबार का मतलब होता है कि जैसे हमारे घरों में, आप लोगों के घरों में परिवार होते हैं। जैसे बच्चे होते हैं, भाई होते हैं, बंधू होते हैं और गुरूजन होते हैं सब कोई होता हा उसी तरह ये राम के दरबार का मतलब होता है परिवार जिसमें हमारे हनुमान जी महाराज, भरत जी, शत्रुघ्न जी, लक्ष्मण जी और आदि शक्ति मां भवति।”

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