Heavy rain: पूर्वोत्तर में भारी बारिश से आम जीवन प्रभावित, जान-माल का नुकसान

Heavy rain: त्रिपुरा सरकार ने लगातार भारी बारिश की वजह से सभी जिलों में रेड अलर्ट घोषित कर दिया है। वहीं, मौसम विभाग ने भी खराब मौसम की भविष्यवाणी की है। पश्चिमी त्रिपुरा पर बारिश और तेज हवाओं का सबसे ज्यादा असर पड़ा है, अगरतला से होकर बहने वाली हावड़ा नदी खतरे के निशान से ऊपर है। ऐसे में अधिकारी बढ़ते जल स्तर पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं।

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने अगरतला में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और इस बारे में अधिकारियों से बातचीत की, वह राहत शिविरों में भी गए और वहां विस्थापित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने जमीनी स्तर पर इंतजामों का जायजा लिया। असम में बाढ़ की स्थिति सोमवार को भी गंभीर बनी रही और कई इलाकों में पानी का स्तर बढ़ गया। गुवाहाटी में मौसम विभाग ने असम की ज्यादातर जगहों पर मध्यम बारिश होने की संभावना जताई, कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की भी भविष्यवाणी की।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कछार और श्रीभूमि जिलों में दो और लोगों की जान चली गई है। साथ ही, 15 जिलों में करीब चार लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। इस साल असम में बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 764 गांव पानी में डूबे हैं और 3,500 हेक्टेयर से ज्यादा फसल क्षेत्र को नुकसान हुआ है।

कई जिलों में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें और पुल टूट गए हैं, ब्रह्मपुत्र नदी डिब्रूगढ़ और निमाटीघाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि लगातार भारी बारिश से निचले इलाकों और नदी के पास रहने वाले लोगों के लिए हालात और खराब होने की आशंका है, ऐसे में कई एजेंसियां पहले से ही ​​राहत और बचाव के काम में लगी हुई हैं।

राजस्व विभाग के सचिव बृजेश पांडे ने कहा कि “हमें गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से भी इन्फॉर्मेशन है, साथ में मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आईएमडी) से भी इन्फॉर्मेशन है, उस हिसाब से आज के दिन हमारे सारे डिस्ट्रिक्ट हैं उनमें रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है और हम लोग उसके ऊपर पूरी नजर रखे हुए हैं। ऑनरेबल चीफ मिनिस्टर और बाकी अधिकारियों के माध्यम से स्थिति का जायजा ले रहे हैं और देखा जाए तो तीन ही डिस्ट्रिक्ट में वेस्ट त्रिपुरा, उनाकोटी और खोवाई सबसे ज्यादा प्रभावित डिस्ट्रिक्ट हैं।”

 

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