Jammu: माता खीर भवानी के दर्शन के लिए जम्मू से श्रद्धालुओं का जत्था रवाना

Jammu: जम्मू के नगरोटा से हजारों कश्मीरी पंडित माता खीर भवानी के वार्षिक मेले के लिए मां राघेन्या के जयकारे लगाते रवाना हुए, भक्तों में काफी उत्साह और आस्था देखने को मिली।

तीर्थयात्रियों की बसों को वरिष्ठ जिला अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद शुरू इस तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कश्मीरी पंडितों के लिए इस तीर्थयात्रा का खासा महत्व है। वो बताते हैं कि ये सिर्फ उनके लिए तीर्थयात्रा नहीं है, बल्कि उनकी जड़ों से भावनात्मक जुड़ाव भी है।

खीर भवानी मंदिर के दर्शन के लिए उधमपुर से भी श्रद्धालुओं का जत्था रवाना हुआ। इस दौरान भक्त काफी उत्साहित नजर आए। वार्षिक खीर भवानी मेला तीन जून को कश्मीर घाटी के गांदरबल जिले में मौजूद तुलमुल्ला के प्रसिद्ध खीर भवानी मंदिर में शुरू होगा। इसमें खास तौर पर कश्मीरी पंडित हिस्सा लेते हैं और मां राघेन्या की पूजा करते हैं। मां राघेन्या को खीर भवानी के नाम से भी जाना जाता है।

एसएसपी जोगिंदर सिंह ने कहा कि जम्मू सिक्योरिटी अरेंजमेंट जितने रिक्वायर्ड हैं वो सारे इंप्लेस किए हुए हैं। तो हम यात्रियों को शुभकामनाएं देते हैं कि ये अपनी यात्रा पूरी अच्छे से पूरी करें।”

राहत आयुक्त प्रवासी डॉ. अरविंद करवानी ने कहा कि “सभी जगह मैंने खुद भी दौरा किया, वहां डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के साथ अरेंजमेंट्स का जायजा लिया। जहां तक ​​की यात्रियों के रहने का सवाल है, खाने-पीने का सवाल है, साफ-सफाई का हेल्थ फैसिलिटी वो सारे अरेंजमेंट इन प्लेस हैं। रास्ते में रुकने का भी इंतजाम है। रामबन, चंद्रकोट में यात्रा रुकेगी थोड़ी देर। वहां श्रद्धालु थोड़ा रेस्ट कर लेंगे।”

श्रद्धालुओ का कहना है कि “जो हमारा रिश्ता है माता खीर भवानी के साथ ये आज का नहीं है, ये जन्म-जन्मों का है। तो इससे इस दिन बड़ा वेट होता है कि ये दिन कब आएगा। तो हमाकी कम्यूनिटी वहां जाएगी दर्शन के लिए, ये एक ऐसा दिन होता है। तो आप लोग देख रहे हैं कि दिल्ली से भी बहुत लोग आए हैं। यहां से भी तैयारियां हो रही हैं। प्रशासन की भी बिल्कुल तैयारी है। तो ​​घर वापसी के भी बारे में हम यहीं गवर्नमेंट से करते हैं कि कभी ना कभी वो दिन आएगा और उम्मीद है कि हम अपने घर जहां हमारी जन्मभूमि है वहां हम जाएंगे और अपने घरों में वहां बसेंगे”

“मुझे अच्छा लग रहा है कि मेले जाने में तो मुझे अच्छा लग रहा है। मैं पिछले साल भी गई थी और पिछले साल भी बहुत अच्छा इंतजाम था वहां। बहुत अच्छा लगा, बहुत खुशी हुई जाकर। बहुत हम लोग पूरे दो दिन हम लोग रुके थे वहां।हमारी माता के साथ बहुत आस्था जुड़ी हुई है। हर साल तो नहीं हम जाते बट ऐसे जाते रहते हैं। दो, एक, दो, तीन साल में मतलब ऐसे जाते रहते हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *