CM Yogi: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार, आयुष चिकित्सा पद्धति, को जन-जन तक पहुंचाने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है। इसके लिए, प्रदेश के हर मंडल में एक एकीकृत आयुष महाविद्यालय बनाने की तैयारी है। यानी-आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथिक इलाज की सुविधा एक ही कैंपस में मिलेगी। फिलहाल, प्रदेश में 2,127 आयुर्वेदिक, 259 यूनानी और 1,598 होम्योपैथिक चिकित्सा संस्थान संचालित हैं।
ऐसा ही 50 बेड का, एक एकीकृत आयुष अस्पताल, लखनऊ में संचालित है। जहां, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी पद्धित से मरीजों का इलाज होता है। आधुनिक लैब के साथ-साथ अस्पताल में दवाइयों के लिए मेडिकल स्टोर भी हैं।
लखनऊ, के इस एकीकृत आयुष अस्पताल में आस-पास के जिलों से भी मरीज पहुंच रहे हैं। जहां उनकी पुरानी से पुरानी बीमारियों का इलाज बेहतर तरीके से हो रहा है। 25 साल से स्लिप डिस्क से जूझ रहे सुल्तानपुर के एस.बी.एम. सिद्दीकी जगह-जगह इलाज करा चुके थे, लेकिन आयुष पद्धति अपनाते ही उन्हें दर्द से राहत मिली।
कुछ ऐसा ही, उन्नाव के रहने वाले सुशील कुमार के साथ भी था। कंधे और कमर दर्द से कई सालों से परेशान थे। लेकिन, जब वो लखनऊ के इस आयुष अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे तो उन्हें काफी राहत मिली।
एकीकृत आयुष चिकित्सालयों में मरीजों को हर जरूरी सुविधा मिलती है। मसलन, एक रुपए के पर्चे पर इलाज, मुफ्त दवाई के साथ साथ जो मरीज यहां एडमिट होते हैं, उन्हें भोजन भी अस्पताल की तरफ से ही मुहैया कराया जाता है। पूरे प्रदेश की बात करें तो, 50 शैय्यायुक्त एकीकृत आयुष चिकित्सालयों का निर्माण 13 मंडलों पूरा हो चुका है, जबकि 5 मंडलों में तेजी से काम हो रहा है।