Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए ‘उत्तराखंड सरकारी संपत्ति प्रबंधन प्रणाली’ (UKGAMS) के माध्यम से 188 अलर्ट जारी किए हैं। इस प्रणाली में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और उच्च-रिज़ॉल्यूशन उपग्रह चित्रण का उपयोग करके सरकारी भूमि पर होने वाले किसी भी बदलाव का स्वतः पता लगाया जाता है। इन अलर्ट्स के आधार पर, राज्य भर में कई स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है। उदाहरण के लिए, नैनीताल जिले में 50,400 वर्ग गज सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हटाए गए हैं। इसके अलावा, पौड़ी जिले के कालागढ़ क्षेत्र में 95 अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया है। इन कार्रवाइयों का उद्देश्य राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, परंपराओं और जनसांख्यिकीय संतुलन को बनाए रखना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि राज्य में किसी भी प्रकार के अवैध कब्जे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों की पहचान करें और उन्हें शीघ्र हटाएं। इसके परिणामस्वरूप, देहरादून जिले में 200 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर अवैध कब्जे हटाए गए हैं। राज्य सरकार ने अवैध कब्जों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान भी किया है। यदि कोई व्यक्ति सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करता है, तो उसे 7 से 10 वर्ष तक की सजा हो सकती है। यह अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होगा।
इसके अतिरिक्त, उच्च न्यायालय ने ऊधम सिंह नगर जिले के सितारगंज क्षेत्र में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के मामलों की जांच के लिए एक समिति गठित करने के आदेश दिए हैं। इस समिति को अतिक्रमण की पहचान करके रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। इस प्रकार, उत्तराखंड सरकार ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ एक प्रभावी और तकनीकी दृष्टिकोण अपनाया है, जिससे राज्य में भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित हो सके।