Jammu: पिछले महीने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिससे जम्मू कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र को बड़ा धक्का लगा है। हालांकि उस घटना के बाद पर्यटन जगत से जुड़े हितधारक जम्मू कश्मीर में सैलानियों को वापस लाने के लिए बेहद गंभीर प्रयास कर रहे हैं, जिसमें रियासी भी शामिल है, जहां माता वैष्णो देवी मंदिर है और ये मंदिर जिले का सबसे प्रमुख पर्यटन केंद्र भी है।
पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिशों में मदद के लिए जम्मू निर्वाचन क्षेत्र के सांसद ने रियासी के अलग-अलग पर्यटन केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि जम्मू संभाग में पर्यटन के कई केंद्र हैं, जिनकी पर्यटन संभावनाओं का दोहन नहीं हो पाया है। वे सरकार से इन जगहों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने की अपील कर रहे हैं क्योंकि सैलानियों के इन जगहों पर आने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि पहलगाम हमले के मद्देनजर न केवल सुरक्षा बल्कि जम्मू कश्मीर के अलग-अलग जगहों पर बुनियादी ढांचे की भी समीक्षा की जा रही है। इसका मकसद पर्यटन को फिर से बहाल करना है, जो पहलगाम आतंकी हमले से पैदा हुए दहशत के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
लोकसभा सांसद जुगल किशोर शर्मा ने बताया कि “इस क्षेत्र के विकास के लिए पर्यटन को बढ़ावा देना भी बहुत जरूरी है। इसलिए आज हम सब विभागों को साथ लेकर इस क्षेत्र के विकास के लिए आए हैं, ताकि पर्यटन भी बढ़े और नौजवानों को रोजगार भी मिले।”
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “श्रीनगर में जितने भी लोकर पिकनिक स्पॉट हैं उनसे अच्छे पिकनिक स्पॉट हमारे जम्मू संभाग में हैं पटनीटॉप, नाथा टॉप, कहीं और चले जाएं। यहां बहुत सारी हैं अब जैसे सरकार पकड़ा है ट्रैक उनको देखने का उनको बढ़ाने की कोशिश चल रही है सरकार की। अगर सरकार इन चीजों पर ज्यादा तवज्जो देगी, पर्यटन विभाग इस पर ज्यादा जोर दे। इससे क्या होगा जो बेरोजगार लोग हैं, उनकी आमदनी का जरिया बनेगा।”
“जैसा भी हमारा रियासी जिला हो, चाहे जम्मू कश्मीर हो, जम्मू कश्मीर के लिए हमारी जितनी भी यात्री हमारी तरफ आते हैं, हमें लगता है कि जितने भी बेरोजगार युवक हैं, उनको भी रोजगार मिलने का मौका यहां मिल सकता है।”